Contents
- 1 What is Starter in Hindi | Why Starter are Required to Run Motor
- 2 use of starter in motor
- 3 Reducing Starting Current
- 4 अब मोटर स्टार्टिंग करंट इतना ज्यादा क्यों लेती है।
- 5 अब स्टार्टर करंट को कैसे कंट्रोल या घटाता है।
- 6 E-Book All Type Electrical Motor Starters and other Electrical Knowledge in Hindi
- 7 Over Load Protection
- 8 Operator Safety
- 9 DC Motor Armature Protection
What is Starter in Hindi | Why Starter are Required to Run Motor
What is Starter in Hindi – इस पोस्ट में आप जानेगें कि किसी भी मोटर को चालू करने के लिए स्टार्टर की जरूरत क्यों पड़ती है। जैसे कि हम देखते हैं छोटी मोटरों को चालू करने के लिए सीधा ही पावर दे देते हैं तो मोटर चालू हो जाती है।
use of starter in motor
लेकिन जो मोटर बड़ी या ज्यादा रेटिंग की होती हैं उनको चालू करने के लिए हमे स्टार्टर की जरूरत होती है। चाहे वो DOL हो या फिर Star – Delta स्टार्टर हो। ये इंटरव्यू में भी पूछा जाता है के हम मोटर में स्टार्टर का इस्तेमाल क्यों करते हैं और स्टार्टर का काम क्या होता है। अब मोटर AC हो या DC दोनों में ही स्टार्टर की जरूरत होती है।
सबसे पहले हम कुछ पॉइंट्स देख लेते हैं जिनसे पता लगेगा कि (use of starter in motor) हमें स्टार्टर की जरूरत क्यों पड़ती है।
Reducing Starting Current
जब भी इंडक्शन मोटर को चालू किया जाता है तो मोटर उसकी रेटिंग का 3 से 5 गुना ज्यादा तक करंट लेती है, अब अगर इतना ज्यादा करंट किसी भी मोटर को सीधा ही दिया जाये तो उसकी वाइंडिंग जल सकती है। तो इसी स्टार्टिंग करंट को कम करने के लिए स्टार्टर का उपयोग किया जाता है।
DOL Motor Starter Single Phase (1 H.P (6-10A))
अब मोटर स्टार्टिंग करंट इतना ज्यादा क्यों लेती है।
जब भी किसी मोटर को चालू किया हटा है तब तक उसका रोटर रुकी हुई हालत में होता है और रुकी हुई हालत के कारण मोटर एक ट्रांसफॉर्मर की तरह व्यवहार करती है क्योंकि उस समय तक उसमे कोई घूमने वाले भाग नही होता तो ट्रांसफार्मर की तरह व्यवहार करके का कारण ही वो ज्यादा से ज्यादा करंट लेती है।
अब स्टार्टर करंट को कैसे कंट्रोल या घटाता है।
हम star – delta को पहले समझते हैं। स्टार डेल्टा में 3 कॉन्टैक्टर मैन, स्टार और डेल्टा होते हैं। जब मोटर को चालू करते हैं तो मोटर मैन और स्टार में चालू होती है, जैसा कि हम जानते हैं जब मोटर स्टार में चालू होती है तो उसकी हर एक वाइंडिंग सिंगल फेज पावर लेती है। तो ऐसे में वोल्टेज कम होने के कारण रेटिंग से ज्यादा करंट लेने पे भी करंट इतना ज्यादा नही हो पायेगा के वो मोटर की वाइंडिंग को जला सके।
L&T(LTLK) MOTOR STARTER DOL MK SERIES (11-18 AMPERE)
जैसे ही मोटर अपनी 75 – 80 % रफ्तार पे आ जाती है तो मोटर डेल्टा में ट्रांसफर हो जाएगी। अब डेल्टा में जाने के समय मोटर का रोटर घूम रहा होगा तो ऐसे में वोल्टेज ज्यादा हो जाएगी तो मोटर में ज्यादा वोल्टेज पे भी वो अपनी रेटिंग के अनुसार की करंट लेगी और मोटर पे कोई खतरा नही होगा। तो इस तरह से स्टार डेल्टा स्टार्टर में शुरुआती करंट को कंट्रोल किया जाता है।
E-Book All Type Electrical Motor Starters and other Electrical Knowledge in Hindi
यहां से मोटर स्टार्टर के सभी तरीको के साथ इलेक्ट्रिकल सर्किट जैसे 2 way स्विच, हाई मास्ट कनेक्शन आदि बड़ी आसानी से सीख के आप भी एक अच्छी नौकरी पा सकते हैं। इस eBook में आपको Electrical Thumb Rules, Basic of Starter, How to Select Contactor for Star Delta Motor starter, Single Phase Starter, DOL, Star Delta Starter, Star Delta Starter Reverse Forward, Contactor Wire MCB Selection, Two Way Switch Connection, High Pressure Sodium / Mercury Vapour Lamp के साथ साथ इलेक्ट्रिकल कि अन्य बहुत सी जानकारी मिलेगी, जो आपके बहुत काम आने वाली है।
Over Load Protection
जब भी किसी स्टार्टर का मोटर से जोड़ते हैं तो उसके साथ और लोड प्रोटेक्शन भी लगाते हैं जो मेन कॉन्टेक्टर पर लगी होती है इस रिले में हमें और लोड प्रोटेक्शन मिलती है पहले आपको बता दें कि ओवरलोड कंडीशन क्या होती है मान लेते हैं कि मोटर हमारे पास है उसकी करंट की रेटिंग 10 एंपियर है तो हम ओवरलोड रिले पर 10 एंपियर सेट करेंगे।
5 HP Starter for 3 Phase Motor Pump with SPP + Autoswitch
तो ऐसे में जब मोटर चलते हुए किसी भी कारण से 10 एंपियर से ज्यादा करंट लेगी तो यह ओवरलोड रिले स्टार्टर को ट्रिप करा देगी और मोटर स्टॉप हो जाएगी इससे हमारी मोटर जलने से बच जाएगी यदि इसमें ओवरलोड रिले नहीं होगी तो लगातार ज्यादा करंट लेते रहने के कारण मोटर जल जाएगी तो स्टार्टर को यूज करने का दूसरा कारण यही है कि इसमें हमें ओवरलोड प्रोटेक्शन मिल जाता है जिससे मोटर जलने से बच जाती है।
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Operator Safety
जब भी कोई स्टार्टर बनाते हैं तो उसको ऑन ऑफ करने के लिए एक पुश बटन लगाते हैं पुश बटन को हम मोटर और स्टार्टर से जितना दूर चाहे उतना दूर लगा सकते हैं, इसको हम रिमोट कनेक्शन भी कहते हैं। ऐसे में मोटर या स्टार्टर के सर्किट में शॉट सर्किट यहां ब्लास्ट हो जाता है तो ऐसे में ऑपरेटर पास से चालू करेगा तो वो वह इसकी चपेट में आ सकता है और अगर पुश बटन दूर होगा तो ऑपरेटर को कोई खतरा नहीं होगा।
DC Motor Armature Protection
जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है यह DC मोटर में इस्तेमाल होता है अब DC मोटर के आर्मेचर का रजिस्टेंस काफी कम होता है ऐसे में उस में अगर ज्यादा करंट फ्लो करता है तो उसका आर्मेचर जल सकता है अब समझ लेते हैं कि यह उसको कैसे कम करता है मान लेते हैं हम DC आर्मेचर को 220 वोल्टेज दे रहे हैं और इसका रजिस्टेंस 0.01 है अब देखते हैं ऐसे में इस में कितना करंट फ्लो होगा। तो जैसा कि हम जानते हैं V = IR होता है।
RMG Single/Three Phase GSM Mobile Motor Controller
तो यहां पर करंट निकालते हैं,
V = IR 220/0.01 करेगें तो करंट काफी ज्यादा होगा और अगर इतना करंट सीधा किसी मोटर में जाता है तो उसका आर्मेचर जल सकता है। अब इसलिए हम इसके स्टार्टर में काफी रजिस्टेंस जोड़ते हैं। तो जैसे जैसे मोटर की स्पीड ज्यादा होती जाएगी इसका रजिस्टेंस कम होता जाएगा।
उम्मीद है आपको स्टार्टर का क्या काम है, स्टार्टर क्या है, what is starter in Hindi, स्टार्टर क्या है in Hindi, starter motor in Hindi, starter Kya hota Hai, स्टार्टर कितने प्रकार के होते हैं, use of starter in motor, से जुड़ी पोस्ट पसंद आई होगी।
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