इस पोस्ट में हम बात करने वाले हैं VFD की मदद से हम 3 Phase Induction Motor को सिंगल फेस पर कैसे चला सकते हैं। तो जैसा कि हमने पहले ही बता दिया है कि हम VFD की मदद से ऐसा करने वाले हैं, तो इसके लिए हम एक VFD इस्तेमाल करने वाले हैं तो इस पोस्ट में हम यही बताने वाले हैं कि VFD किस तरह से काम करती है। और किस तरह से यह सिंगल फेस को 3 फेस में बदलकर 3 Phase Induction Motor को चलाती है। तो इस टॉपिक के बारे में अच्छे से जानने के लिए इस पोस्ट को शुरू से लेकर लास्ट तक ध्यान से पढ़ें।
अगर हम यहां सिंगल फेस ड्राइव की बात करें तो यह नॉर्मल ड्राइव यानी कि VFD की तरह ही काम करती है। VFD का पूरा नाम लेकिन इसका जो काम करने का प्रोसेस है वह यह है कि यह सिंगल फेस को 3 फेस में कन्वर्ट करती है अब यह काम कैसे करती है वह पहले समझ लेते हैं
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सिंगल फेस से 3 फेस

सबसे पहले हम VFD को पावर सप्लाई से कनेक्ट करते हैं, यानी कि हम न्यूट्रल और फेस अपनी ड्राइव के साथ कनेक्ट करते हैं उसके बाद जैसे ही हम 220 वोल्ट AC सप्लाई इस ड्राइव पर देते हैं, तो सबसे पहले इस ड्राइव में वह AC सप्लाई डीसी में कन्वर्ट की जाती है। और जैसा की आप जानते ही होंगे AC को DC में बदलने वाले उपकरण को रेक्टिफायर कहते हैं। तो VFD में भी इस हिस्से को रेक्टिफायर ही बोलेंगे। इसके बाद AC को DC में बदलने के बाद इसमें एक प्रोसेस फिर से शुरू होता है जो कि DC को AC में बदलने का होता है, लेकिन इस बार यहां पर सिंगल फेस को 3 फेस में बदला जाता है। इसके लिए यहां पर इस सेक्शन में छह IGBT का इस्तेमाल किया जाता है। IGBT का पूरा नाम इंसुलेटेड गेट बाइपोलर ट्रांसिस्टर (insulated-gate bipolar transistor) होता है।
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यहां पर जितनी भी IGBT होती है इन सभी का जो गेट टर्मिनल होता है उसको माइक्रोकंट्रोलर के साथ कनेक्ट किया जाता है, या फिर हम यूं ही कह सकते हैं यह जो IGBT हैं इनको माइक्रोकंट्रोलर कंट्रोल करता है। VFD के अंदर जितना भी डाटा इनपुट किया जाता है जैसे फ्रीक्वेंसी कितनी रखनी है आदि जो भी डाटा होता है वह सारा का सारा इस माइक्रोकंट्रोलर में ही स्टोर होता है। और वही माइक्रोकंट्रोलर इन IGBT को भी कंट्रोल करता है। इसके लिए माइक्रोकंट्रोलर IGBT गेट वाले गेट टर्मिनल पर कुछ वोल्टेज देता है, जैसे कि 5 वोल्ट, 3 वोल्टेज देकर माइक्रोकंट्रोलर इन सभी IGBT को कंट्रोल करता है। और उसके अनुसार ही ये सारी IGBT स्विचिंग करती हैं।
तो यहां पर जैसे कि आपको बताया है 6 IGBT का इस्तेमाल किया जाता है, इनमे IGBT के दो दो पेअर होते हैं। और दो-दो IGBT यहां पर R-Y-B इन तीनों फेस का काम करती हैं। और यह जो सेक्शन होता है जहां पर यह सब प्रोसेस होता है। DC से AC को बदलने वाले भाग को इनवर्टर सेक्शन बोला जाता है, इसको इनवर्टर इसीलिए बोला जाता है क्योंकि यह DC को AC में कन्वर्ट कर रहा है। इसमें कंफ्यूज होने वाली कोई भी बात नहीं है जो हम जो सेक्शन हमारी AC को DC में बदलेगा वह रेक्टिफायर होता है, और जो सेक्शन DC को AC में बदलता है उसको इनवर्टर कहते हैं। और इसके बाद IGBT से तीनों फेस निकलने के बाद इसको मोटर से कनेक्ट कर किया जाता है।
IGBT की मदद से DC से AC कैसे बनाते हैं?
अब आपके मन में एक सवाल जरूर आना चाहिए कि हम इन IGBT की मदद से DC से AC कैसे बनाते हैं? और साथ ही जैसा कि आप जानते होंगे हमारे भारत में जो फ्रीक्वेंसी इस्तेमाल की जाती है वह 50Hz की फ्रीक्वेंसी इस्तेमाल की जाती है। फ्रीक्वेंसी का मतलब आपको पता ही होगा जैसे जो पावर सप्लाई होती है वह साइनो सोडल होती है, और जितनी फ्रीक्वेंसी होती है जैसे 60 या 50 वह एक टाइम पीरियड में हमारे उतने ही साइकिल पूरे करती है। उसको ही फ्रीक्वेंसी बोला जाता है।

तो ऐसा ही माइक्रोकंट्रोलर की मदद से हम इन IGBT को कंट्रोल करके करते हैं। यानी कि जितनी भी फ्रिकवेंसी ड्राइव में सेट की जाती है हमारा माइक्रोकंट्रोलर उसके हिसाब से ही इन IGBT की स्विचिंग करता है। यानी कि इनको बंद और चालू करता है। मान लीजिए हमारी फ्रीक्वेंसी है तो माइक्रोकंट्रोलर इन IGBT को 1 सेकंड में 50 बार बंद और 50 बार चालू करेगा। और इस तरीके से यह फ्रीक्वेंसी को क्रिएट कर देता है।

तो जैसा कि हमने बताता कि आप VFD में कितनी भी फ्रीक्वेंसी सेट कर सकते हैं, तो इस हिसाब से हम आउटपुट में यहां आप जितनी मर्जी उतनी फ्रीक्वेंसी को जनरेट कर सकते हैं। वह हमारे ऑपरेशन के ऊपर डिपेंड करता है कि हमने जिस मोटर को ऑपरेट करना है उसके ऑपरेशन के लिए हमें कितनी फ्रीक्वेंसी चाहिए। अगर मोटर की स्पीड बहुत कम रखनी है तो हम फ्रीक्वेंसी को कम कर सकते हैं और ज्यादा रखनी है तो फिर फ्रीक्वेंसी को ज्यादा रख सकते हैं।
IGBT जो तीनों फेस के बीच में 120 डिग्री का एंगल होता है वह भी मेंटेन करती है। और वह सिर्फ इनकी स्विचिंग की वजह से ही होता है, माइक्रोकंट्रोलर इनकी इतनी तेज स्पीड से स्विचिंग करता है यानी कि बंद है और चालू करता है कि यह सारा का सारा एक सिस्टम में मेंटेन होकर हमें आउटपुट में सिंगल फेस से 3 फेस में सप्लाई मिल जाती है।
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माइक्रोकंट्रोलर इस सब को कैसे कंट्रोल करता है?
आपको यहां पर दो IGBT दिखाई गई है, और इनको माइक्रोकंट्रोलर के साथ कनेक्ट किया गया है। IGBT का यह वाला जो हिस्सा होता है इसको गेट कहते है और इस गेट पर ही ट्रिगरिंग वोल्टेज देकर इनकी स्विचिंग करवाते हैं। ट्रिगरिंग वोल्टेज वह होती है जो माइक्रोकंट्रोलर की मदद से हम IGBT स्विचिंग के लिए देते हैं जो कि 3 वोल्ट और 5 वोल्ट कुछ भी हो सकती है।
यहां पर आपको यह एक माइक्रोकंट्रोलर दिखाई दे रहा है। माइक्रोकंट्रोलर एक तरह का प्रोसेसर ही होता है। जैसे कि हमारे कंप्यूटर में प्रोसेसर होते हैं, यह उस तरह से ही एक प्रोसेसर होता है। इस तरीके से हमारी VFD की मदद से सिंगल फेज AC को DC में चेंज करते हैं, और फिर DC को माइक्रोकंट्रोलर और IGBT की मदद से 3 फेस AC में चेंज कर देते हैं। और फिर उसकी मदद से ही हम हमारी थ्री फेज इंडक्शन मोटर को सिंगल फेस सप्लाई से चला सकते हैं।
तो उम्मीद है आपको यह टॉपिक समझ में आ गया होगा कि सिंगल फेज सप्लाई की मदद से हम 3 फेस की मोटर को कैसे चला सकते हैं। अगर इससे जुड़े आपके कोई सवाल है तो आप हमें कमेंट में पूछ सकते हैं।
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Sir 5 hp 415 volt ki motor ko 1phase-3 phase vfd pr chalanah.
Lekin output jab 230 volt hi hoga to motor run kaise krengi .
Sir please iske bare me discription dijiye .
230 single-phase me hoga, 3 phase ho jane k bad 415 volt hi milegi
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