MPU क्या होता है | What is MPU in DG

What is MPU in DG
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MPU क्या होता है? (What is MPU in DG)

What is MPU in DG – MPU का मतलब होता है मैग्नेटिक पिकअप यूनिट, इसको स्पीड सेंसर भी कहा जाता है। तो नाम से पता लग गया कि यह स्पीड को सेंस करता है यानी ये स्पीड को सेंस करने वाला सेंसर होता है।

MPU की कंस्ट्रक्शन

इसकी कंस्ट्रक्शन बहुत सिंपल होती है, इसमें एक मैटल यानी कंडक्टर की रॉड होती है। उसके ऊपर एक कॉइल लपेटी होती है, और उसके दो सिरे बाहर निकले होते हैं। इसके अंदर एक परमानेंट मैग्नेट भी लगा दिया जाता है। इस परमानेंट मैग्नेट के कारण इसमें इसके अराउंड में हमेशा एक मैग्नेटिक फील्ड मौजूद रहती है। इसको फ्लाई व्हील के साथ लगाया जाता है। इस फ्लाई व्हील पे टीथ यानी दांत बने होते हैं, जिनको गियर भी कहा जाता है। ये टीथ यानी दांत भी मैग्नेटिक मटेरियल से बनाये जाते हैं।

MPU का वर्किंग प्रिंसिपल

जब DG का इंजन रुका होता है तो इसमें कुछ नहीं होता, लेकिन जब हम इंजन को क्रैंक करवाते हैं, चाहे वह क्रैंक मोटर के जरिए हो या किसी और जरिए हो, तो इंजन का फ्लाईव्हील घूमना शुरू होता है। तो जब फ्लाई व्हील घूमना शुरू होता है तो आप देखेंगे तो फ्लाई व्हील का एक-एक टीथ जो MPU के बिल्कुल सामने आता है, तो इन टीथ की की मैग्नेटिक फील्ड MPU की मैग्नेटिक फील्ड को कट करना शुरू करती है, जब भी मैग्नेटिक फील्ड को कोई कंडक्टर कट करता है तो वहां पर फराडे लॉ आ जाता है।

यानी फैराडे लॉ ऑफ इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन। तो चूंकि MPU में कॉइल लगी है तो ये कॉइल भी इस मैग्नेटिक फील्ड के संपर्क में आएगी तो इसमें वोल्टेज बनने लगेगी। तो ऐसे में MPU का जो वर्किंग प्रिंसिपल है, वह फैराडे लॉ आफ इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन है।

जिस तरह जनरेटर में AC सप्लाई प्रोड्यूस होती है उसी तरह MPU में भी AC सप्लाई प्रोड्यूस होती है। तो ऐसे में हम इसको छोटा AC जनरेटर भी कह सकते हैं। अब जैसे ही मैग्नेटिक फील्ड में आने के कारण इसके अंदर जो क्वाइल है उसमें वोल्टेज प्रोड्यूस होना शुरू हो जाएंगे तो वो वोल्टेज हमें इसके दोंनो तारों पर मिलेंगे। अब क्योंकि यहां पर AC वोल्टेज प्रोड्यूस हो रहे हैं तो उसमें फ्रीक्वेंसी भी होगी।

फ्लाई व्हील पे लगे TEETH के जितने नंबर ऑफ पीस इसको कट करते जाएंगे, उसके हिसाब से यह फ्रीक्वेंसी को मेजर करेगा। और उस हिसाब से यह आगे सिग्नल भेजेगा। और यहां पे स्पीड जो होती है वो फ्रीक्वेंसी के डायरेक्टली प्रोपोर्शनल होती है। तो जितनी भी फ्रीक्वेंसी यहां पर प्रोड्यूस हो रही है यह उसके हिसाब से आगे बताता है कि DG की स्पीड कितनी चल रही है।




MPU की एडजस्टमेंट

तो MPU की एडजस्टमेंट ऐसी होती है कि ये फ्लाईव्हील के टीथ के बिल्कुल करीब लगाना होता है। MPU और फ्लाईव्हील टीथ के बीच मे जो गैप होता है उसको एयर गैप कहते हैं। अगर यह फ्लाईव्हील के साथ टच हो गया तो इंजन स्टार्ट होते ही यह तुरंत ही डैमेज हो जाता है। अगर इसको फ्लाईव्हील से ज्यादा दूर रखेंगे तो यह अपना काम सही से नहीं कर पायेगा। तो इसके एयर गैप की एक स्पेसिफिक रेंज होती है। ये रेंज मिनिमम 0.25mm से मैक्सिमम 1.02mm तक होती है।

अब हम बात कर लेते हैं इसके द्वारा प्रोड्यूसर होने वाले वोल्टेज के ऊपर। जैसा कि हमने बताया कि यह AC सप्लाई प्रोड्यूस करता है। तो इसके मिनिमम वोल्टेज 1 वाल्ट और मैक्सिमम 50 वाल्ट AC तक यह प्रोड्यूस करता है। यह वोल्टेज वैरी यानी कम और ज्यादा होते रहते हैं। साथ ही ये वोल्टेज हमारे फ्लाईव्हील की स्पीड के ऊपर डिपेंड करते हैं। MPU में बने वोल्टेज गवर्नर और वोल्टेज कंट्रोलर को जाएंगे जो की स्पीड को मॉनिटर कर रहा है। इसके अनुसार ही जो गवर्नर होता है वह सिग्नल देता है फ्यूल सिस्टम को फ्यूल सिस्टम को जिसके कारण इंजन की स्पीड कम या ज्यादा होती है।

तो उम्मीद है आपको What is MPU in DG, MPU क्या होता है, MPU की कंस्ट्रक्शन, MPU का वर्किंग प्रिंसिपल, MPU की एडजस्टमेंट, से जुड़ी हुई पोस्ट आपको पसंद आई होगी। आपको हमारी ये पोस्ट कैसी लगी आप हमें कमेंट में बता सकते हैं या हमसे कांटेक्ट कर सकते हैं। अगर आपको ये पोस्ट ज्ञानवर्धक लगी हो तो दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं। साथ ही हमारे YouTube Channel Electrical Help सब्सक्राइब भी कर सकते हैं।

FAQ:-

MPU क्या होता है?

MPU का मतलब होता है मैग्नेटिक पिकअप यूनिट, इसको स्पीड सेंसर भी कहा जाता है। तो नाम से पता लग गया कि यह स्पीड को सेंस करता है यानी ये स्पीड को सेंस करने वाला सेंसर होता है।

MPU की कंस्ट्रक्शन

इसमें एक मैटल यानी कंडक्टर की रॉड होती है। उसके ऊपर एक कॉइल लपेटी होती है, और उसके दो सिरे बाहर निकले होते हैं। इसके अंदर एक परमानेंट मैग्नेट भी लगा दिया जाता है।

MPU का वर्किंग प्रिंसिपल

फैराडे लॉ ऑफ इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन। तो चूंकि MPU में कॉइल लगी है तो ये कॉइल भी इस मैग्नेटिक फील्ड के संपर्क में आएगी तो इसमें वोल्टेज बनने लगेगी। तो ऐसे में MPU का जो वर्किंग प्रिंसिपल है, वह फैराडे लॉ आफ इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन है।

MPU की एडजस्टमेंट

MPU एडजस्टमेंट की रेंज मिनिमम 0.25mm से मैक्सिमम 1.02mm तक होती है।

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