3 Phase Induction Motor in Hindi
3 Phase Induction Motor in Hindi – आज हम बात करने वाले हैं थ्री फेज इंडक्शन मोटर के बारे में जैसे कि मोटर कितने प्रकार के होते है, थ्री फेज इंडक्शन मोटर क्या होती है? थ्री फेज इंडक्शन मोटर में कौन कौन से मुख्य पार्ट्स होते है। और इंडक्शन मोटर कितने प्रकार की होती है, ये सब हम इस पोस्ट में आपको बताने वाले हैं।
थ्री फेज इंडक्शन मोटर की बात करें तो ये थ्री फेज इलेक्ट्रिकल सप्लाई से चलने वाली एक इलेक्ट्रिकल मशीन होती है, जो इनपुट में दी जाने वाली इलेक्ट्रिकल एनर्जी को मैकेनिकल एनर्जी में बदल के आउटपुट देती है। थ्री फेज इंडक्शन मोटर नार्मल AC मोटर होती है। ज्यादातर उद्योगों में थ्री फेज इंडक्शन मोटर का उपयोग ड्राइव्स के लिए किया जाता है। छोटे बड़े सभी तरह के उद्योगों में थ्री फेज इंडक्शन मोटर का इतनी ज्यादा मात्रा में उपयोग होने के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:-
- थ्री फेज इंडक्शन मोटर की कीमत अन्य की तुलना में कम होती है।
- थ्री फेज इंडक्शन मोटर सस्ती होने के साथ साथ बहुत ही एफ्फिसिएंट भी होती है।
- थ्री फेज इंडक्शन मोटर का शुरुआती टॉर्क (Starting Torque) भी ज्यादा होता है।
- थ्री फेज इंडक्शन मोटर की स्पीड को बड़ी आसानी और सही तरह से रेगुलेट किया जा सकता है।
थ्री फेज इंडक्शन मोटर को जब इलेक्ट्रिकल सप्लाई दी जाती है तो मोटर के अंदर एक तरह से मैगनेट बनता है। और इस मैगनेट बनने की जो प्रकिया है उसको म्यूच्यूअल इंडक्शन (Mutual Induction) कहते हैं। और म्यूच्यूअल इंडक्शन बनने पे जब रोटर घूमता है, तो हमें मैकेनिकल एनर्जी मिलती है, जिसको टार्क भी कहते हैं।
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थ्री फेज इंडक्शन मोटर की बनावट (Construction)
जैसा कि आप जानते हैं, थ्री फेज इंडक्शन मोटर में घूमने ओर स्थिर रहने वाले दो तरह के मुख्य पार्ट होते हैं:-
- स्टेटर, जोकि स्थिर रहता है।
- रोटर, जोकि घूमता है।
स्टेटर
जैसा कि हमने अभी बताया मोटर में घूमने वाला पार्ट रोटर होता है जबकि स्टेटर स्टैटिक यानी स्थिर रहने वाला पार्ट होता है। अब स्टेटर जिसमे वाइंडिंग की जाती है, इसमें Eddy Current Loss को कम करने के लिए इसमें उपयोग होने वाली Lamination (बहुत पतली पतली परत/पत्तियां) को बहुत ही हाई क्वालिटी स्टील मिश्रधातु से तैयार किया जाता है।
अब स्टील मिश्रधातु से तैयार किए गए Lamination को स्टेटर के अंदर वाले भाग की परिधि या घेरे में सेट किया जाता है। इसके बाद स्टेटर में की जाने वाली वाइंडिंग की Coil के तारों को इन Lamination पर सही से सेट किया जाता है। इस तरह स्टेटर में Coil के अलग अलग सेट लगाने के बाद उनको आपस में जोड़ के थ्री फेज की वाइंडिंग तैयार की जाती है।
रोटर
जिस तरह से स्टेटर को हाई क्वालिटी स्टील मिश्रधातु से तैयार किया जाता है उसी प्रकार रोटर को भी हाई क्वालिटी के स्टील मिश्र धातु से बने Lamination का इस्तेमाल करके ही बनाया जाता है। अब इस रोटर के अंदर एक शाफ़्ट डाली जाती है। अब रोटर में भी उसके ऊपरी भाग/परिधि में कुछ खांचे बनाये जाते है। रोटर में खांचे बनाने के भी अलग अलग कारण होते हैं, जैसे अगर रोटर पे वाइंडिंग करनी हो तो इन खाँचो में Coil को डाल सकते हैं।
इस तरह से रोटर में शाफ़्ट डालने के बाद जब रोटर कम्पलीट हो जाता है तो रोटर को दो भागो में बांटा जा सकता है। इनमे एक तरफ तो जहा पे ड्राइव यानी लोड जोड़ा जाता है उसको ड्राइव एंड कहा जाता है। और दूसरी तरफ रोटर पे एक फैन लगा होता है, इस हिस्से को नॉन ड्राइव एन्ड कहा जाता है।
मोटर में फैन क्यों दिया जाता है?
अब मोटर में जो फैन दिया जाता है, उसका काम मोटर को ठंडा रखना होता है। मोटर का जो बाहरी फ्रेम होता है उसमें छोटे छोटे फिन्स दिए जाते हैं, जो छोटी नालियों जैसे दिखते हैं, इनको फ्रेम स्लॉट कहा जाता है। ये कूलिंग फैन इनके अन्दर हवा को भेजता है। जिससे मोटर गर्म होने से बच जाती है। क्योंकि जब मोटर चलती रहती है, तब मोटर की वाइंडिंग मे करंट फ्लो करता है जिसकी वजह से पावर के कुछ लॉस होते हैं, और इन लॉस के कारण ही मोटर गर्म हो जाती है।
Types of Induction Motor
Induction Motor इस्तेमाल किये जाने वाले रोटर के अनुसार Induction Motor के 2 मुख्य प्रकार होते हैं, जो इस प्रकार है :-
- Squirrel Cage Rotor
- Slip Ring Induction Motor (Phase Wound Rotor)
Squirrel Cage Induction Motor
Squirrel Cage Induction Motor के रोटर में एक बेलनाकार Laminated कोर होती है। जिसमें कुछ स्लॉट बनाए गए होते है जोकि एक दूसरे के समान्तर होते हैं। इन सभी स्लॉट में एलुमिनियम या कॉपर की छड़ को डाला जाता है। इस तरह से लगाने के बाद एलुमिनियम या कॉपर की सभी छड़ के किनारों को धातु के रिंग की मदद से जोड़ा जाता है। इस तरह से जोड़ने के कारण ये गिलहरी (Squirrel) के पिंजरे जैसा दिखता है, इसलिए इसको Squirrel Cage Rotor कहते है।
Squirrel Cage Induction Motor सबसे ज्यादा उपयोग की जाने वाली मोटरों में से एक है। इसकी वर्किंग बहुत ही साधारण होती है। इसके अलावा इसकी सबसे मुख्य बात ये है कि इसकी मैनेंटन्स बहुत कम करनी होती है। लेकिन स्क्वीररेल केज इंडक्शन मोटर की एक कमी ये भी है कि इसका उपयोग हम सिर्फ ऐसी जगह पे ही कर सकते हैं, जहां शुरुवाती समय में ज्यादा टार्क यानी ज्यादा ताकत की जरूरत नही होती।
Slip Ring Induction Motor (Phase Wound Rotor)
Slip Ring Induction Motor जिसको Phase Wound Rotor भी कहा जाता है, इसको कास्ट आयरन और हाई क्वालिटी के सिलिकॉन मिश्रा धातु से बनाया जाता है जिसके ऊपर वाले हिस्से में एक दूसरे के समांतर स्लॉट बनाए जाते हैं। और फिर इन स्लॉट के अंदर कॉपर या फिर एल्युमीनियम के तार को coil का रूप देके डाला जाता है।
बाद में इन Coil को आपस में जोड़ के थ्री फेज की वाइंडिंग बनाई जाती है। Slip Ring या Phase Wound Rotor की वाइंडिंग को हमेशा स्टार कनेक्शन में जोड़ा जाता है। स्टार कनेक्शन में जोड़े गए वाइंडिंग के सिरों को स्लिप रिंग के साथ जोड़ दिया जाता है।
इसके बाद इसके तीनो टर्मिनल को अलग अलग तीन Variable Resistor के साथ जोड़ा जाता है। ये सभी Variable Resistor भी स्टार कनेक्शन में जुड़े होते है। अब इन Variable Resistor की वैल्यू को बदल कर हम बड़ी आसानी के साथ मोटर के स्पीड को Control कर सकते हैं। इस मोटर का फायदा ये भी होता है कि इसके साथ ऐसा लोड भी जोड़ा जा सकता है जिसको हाई स्टार्टिंग टॉर्क की जरूरत हो।
थ्री फेज इंडक्शन मोटर का वर्किंग प्रिंसिपल
सभी तरह की इंडक्शन मोटर का वर्किंग प्रिंसिपल एक ही होता है, जोकि इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन के ऊपर आधारित है। थ्री फेज इंडक्शन मोटर को जब थ्री फेज की AC Supply दी जाती है तो मोटर मे थ्री फेज का AC Current फ्लो करने लगता है।
इलेक्ट्रिकल सप्लाई के मैग्नेटिक इफ़ेक्ट के कारण मोटर के स्टेटर में मैग्नेटिक फ्लक्स बनता है। Alternating Current के फ्लो करने के कारण उत्पन्न हुआ मैग्नेटिक फ्लक्स भी Alternating ही होता है। जब ये मैग्नेटिक फ्लक्स मोटर में लगे रोटर की Coil द्वारा कट किया जाता है तो फैराडे के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सिद्धांत के अनुसार EMF Induced होता है।
अब जैसे पहले बताया था रोटर में एलुमिनियम या कॉपर के छड़ डाल के उनके सिरे को शार्ट किया जाता है, तो इसलिए इसमें Induced हुए EMF के कारण रोटर में भी एक तरह से इलेक्ट्रिकल सप्लाई का फ्लो होने लगता है। अब इसके कारण रोटर में भी चुम्बकीय प्रभाव उत्पन्न हो जाता है।
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इसके बाद जब रोटर में पैदा हुए हुआ मैग्नेटिक फ्लक्स मोटर के स्टेटर में बने फ्लक्स के साथ इंटरैक्ट करता है, तो ये फ्लक्स खुद को एक ऐसी जगह में शिफ्ट करने की कोशिश करता है जहा पे मैग्नेटिक फ्लक्स नही हो और ऐसे में स्टेटर तो एक जगह फिक्स है तो सारा प्रभाव रोटर के ऊपर आता है, जिसके कारण रोटर घूमने लग जाता है।
मोटर में रोटर का लगातार घूमने के कारण स्टेटर में मैग्नेटिक फील्ड हमेशा बानी रहती है। अब मोटर के स्टेटर और रोटर में पैदा हुए मैग्नेटिक फ्लक्स के Interaction को ही armature Reaction कहा जाता है।
Slip
जैसा अभी आपने ऊपर पढ़ा कि स्टेटर की वाइंडिंग पे AC सप्लाई जोड़ने पे उसमे एक मैग्नेटिक फील्ड उत्पन्न हो जाती है। ये मैग्नेटिक फील्ड Rotating Nature का होता है, जिसको टार्क भी कहा जाता है। अब यह मैग्नेटिक फील्ड जिस भी स्पीड के साथ घूमता है उसी को Synchronous Speed कहा जाता है।
इंडक्शन मोटर की Synchronous Speed, उस मोटर के स्टेटर में बने हुए मैग्नेटिक पोल और इनपुट में दी जाने वाली AC सप्लाई के फ्रीक्वेंसी पे निर्भर करती है। इस स्पीड को हमेशा RPM में मापा जाता है और Ns के द्वारा दर्शाया जाता है।
Ns = 120×F/P
F = सप्लाई फ्रीक्वेंसी
P = पोल संख्या
Induction Motor में मैग्नेटिक फील्ड के कारण रोटर घूमने लगता है। रोटर हमेशा मैग्नेटिक फील्ड की स्पीड से कम यानी Synchronous Speed से कम स्पीड से ही घूमता है। अब हम मैग्नेटिक फील्ड की स्पीड और रोटर की स्पीड के अंतर को ही Slip कहते हैं। इन दोनों यानी मैग्नेटिक फील्ड और रोटर के स्पीड में बहुत कम अंतर होता है। Slip को S के द्वारा दर्शाया जाता है। अगर रोटर की स्पीड को N से दर्शाया जाता है तो स्लिप को “s” से दर्शाते हैं।
S = Ns – N
अब जैसे कि स्लिप बहुत ही कम होता है, इस लिए इसको हमेशा प्रतिशत में दिखाया जाता है। जैसे कि:-
Ns-N/Ns ×100
स्क्वीररेल केज और स्लिपरिंग मोटर मे अन्तर
इन दोनो मोटर मे अंतर ये है कि स्लिपरिंग इंडक्शन मोटर के साथ अगर आप मोटर को स्टार्ट करते समय ज्यादा टार्क यानी ज्यादा ताकत की जरूरत है, तो स्लिप रिंग की मदद से और अलग से रेजिस्टेंस को जोड़ सकते हैं। लेकिन Squirrel Cage इंडक्शन मोटर के साथ आप ऐसा कुछ नही कर सकते।
ये ही सबसे बड़ा अंतर होता है इन दोनों मोटर में, कि आप स्लिपरिंग मोटर में रजिस्टेंस को ऐड कर सकते हैं। स्लिप रिंग मोटर में जितने ज्यादा रेजिस्टेंस जोड़े जाएंगे उतना ज्यादा स्टार्टिंग टॉर्क मिलेगा।
ऐसा Squirrel Cage इंडक्शन मोटर में इसलिए नहीं कर सकते, क्योंकि Squirrel Cage इंडक्शन मोटर के रोटर के जो एंड रिंग्स होते हैं वो परमानेंटली शार्ट किये जाते हैं। इसी कारण से हम रोटर के साथ रजिस्टेंस को नहीं जोड़ सकते।
तो जहां भी हाई स्टार्टिंग टॉर्क की जरूरत होती है, वहां पर हम स्लिप रिंग इंडक्शन मोटर का उपयोग करते हैं। और जहां साधारण स्टार्टिंग टॉर्क की जरूरत होती है, वहां पर Squirrel Cage इंडक्शन मोटर के उपयोग किया जाता है।
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FAQ
Q1. अगर मोटर को दी जाने वाली सप्लाई के कोई दो फेज आपस में बदल दिये जायें तो क्या होगा?
Ans. अगर मोटर को दी जाने वाली सप्लाई के कोई दो फेज आपस में बदल दिये जायें तो मोटर के घूमने दी दिशा बदल जायेगा।
Q2. 3 फेज इन्डक्शन मोटरों के मुख्य प्रकार कौनसे हैं?
Ans. 3 फेज इन्डक्शन मोटर मुख्य रूप से 2 प्रकार के होते हैं। (1) Squirrel Cage, (2) Slip Ring Induction Motor जिसको Phase Wound मोटर भी बालक जाता है।
Q3. इंडक्शन मोटर की स्पीड किस बात के ऊपर निर्भर होती है?
Ans. इंडक्शन मोटर की स्पीड मोटर में पोल की संख्या और दी जाने वाली इलेक्ट्रिकल सप्लाई की फ्रीक्वेंसी के ऊपर निर्भर करती है।
Q4. यदि 3 फेज स्लिपरिंग इन्डक्शन मोटर के रोटर वाले टर्मिनलस को आपस मे शार्ट नही किया जाए, और उसके बाद स्टेटर को इलेक्ट्रिकल सप्लाई दी जाये तो मोटर पे क्या फर्क पड़ेगा?
Ans. ऐसा करने से मोटर चालू यानी स्टार्ट नही होगी।
Q5. 3 फेज Squirrel Cage इन्डक्शन मोटर को कौनसे स्टार्टर से स्टार्ट किया जा सकता है?
Ans. 3 फेज Squirrel Cage इन्डक्शन मोटर को DOL, स्टार डेल्टा और VFD जैसे स्टार्टर से स्टार्ट किया जा सकता है।
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Iti electrician 2nd year
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