What is MPCB | Motor Protection Circuit Breaker?

motor protection circuit breaker

Motor Protection Circuit Breaker

Motor Protection Circuit Breaker – MPCB और कुछ नहीं बल्कि मोटर प्रोटेक्शन सर्किट ब्रेकर है। इसमें थर्मल ओवरलोड, शॉर्ट सर्किट, अनबैलैंस लोड, और फेज लॉस जैसी प्रोटेक्शन होती है। मोटर प्रोटेक्शन सर्किट ब्रेकर स्टेटिक और डायनामिक दोनों तरह के इलेक्ट्रिकल उपकरणों के लिए व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला सर्किट ब्रेकर है। MPCB की विश्वसनीयता MCCB या FUSE से अधिक होती है। इस पोस्ट में, हम MPCB की बनावट, वर्किंग प्रिंसिपल, फायदे, नुकसान और उपयोग के बारे में बताने जा रहे हैं।

Construction of Motor Protection Circuit Breaker (MPCB)

कंस्ट्रक्शन की बात करे तो MPCB में 6 अलग-अलग भाग होते हैं, जैसे कि थर्मल ओवरलोड रिलीज, मैग्नेटिक ट्रिप यूनिट, मैन कॉन्टेक्ट्स, ऑक्सलरी स्विच, अर्कच्यूट, प्लंजर और एनक्लोजर।

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थर्मल ओवरलोड रिलीज (Thermal Overload release)

थर्मल ओवरलोड रिलीज़ एक ऐसी सेफ्टी है जिसका उपयोग मोटर को MPCB पे सेट की गई वैल्यू से अधिक ओवरलोड या हाई बैलेंस्ड करंट से बचाने के लिए किया जाता है।

थर्मल ओवरलोड रिले को करंट के फ्लो को नियंत्रित करने के लिए एक एडजस्टर के साथ बनाया जाता है, ताकि हम मोटर के अनुसार बहने वाले करंट को नियंत्रित करके मोटर की ट्रिपिंग को सेट कर सकें। यह द्विधातु पट्टी यानी बाईमटैलिक स्ट्रिप (आमतौर पर स्टील और तांबा, या कुछ मामलों में स्टील और पीतल) से बना होता है। यह तब ऑपरेट होता है जब करंट का फ्लो सेट की गई वैल्यू से अधिक होता है।

करंट को एडजेस्ट करने वाले मैकेनिज्म की बात करे तो ये सिर्फ एक स्प्रिंग होता है जो द्विधातु संपर्क यानी बाईमटैलिक स्ट्रिप और ऑपरेटिंग मैकेनिज्म के बीच की दूरी को बढ़ाता और घटाता है। यानी जब MPCB में करंट का बहाव बढ़ जाता है तो इसके ऑपरेटिंग मैकेनिज्म पे एडजेस्टर के कारण बाई मैटेलिक स्ट्रिप्स के बीच मे दूरी बढ़ जाती है।

Magnetic Trip

मैग्नेटिक ट्रिप शार्ट सर्किट फाल्ट प्रोटेक्शन का मैकेनिज्म होता है। इसके लिए MPCB की आउटपुट पे 3 छोटे करंट ट्रांसफार्मर (CT) लगाए जाते हैं। इन करंट ट्रांसफार्मर (CT) के बाहर एक प्लंजर लगाया जाता है। तो नार्मल कंडीशन में ये करंट ट्रांसफार्मर (CT) का प्लंजर ट्रिपिंग मैकेनिज्म ऑपरेट नही होता। जब कभी सर्किट से शार्ट सर्किट के कारण बहुत ज्यादा करंट बहने लगता है तो ये प्लंजर ही MPCB को ट्रिप करने का काम करता है।

Main Contact

Motor Protection Circuit Breaker यानी MPCB का मैन कांटेक्ट करंट के सोर्स और लोड के बीच मे करंट का फ्लो कराने के लिए जिम्मेदार होता है। ये दो भागों में बंटा रहता है, एक मूविंग कांटेक्ट होता है जो आगे पीछे होता है जबकि दूसरा फिक्स्ड कांटेक्ट होता है जोकि एक ही जगह पे फिक्स होता है, इस अपनी जगह से आगे पीछे नही हो सकता। इन दोनों कॉन्टेक्ट्स को कॉपर टंगस्टन और कॉपर टंगस्टन कार्बाइड से बनाया जाता है। मैन यानी मुख्य कांटेक्ट MPCB के एनक्लोजर में फिक्स रहता है और मूविंग कांटेक्ट ट्रिप मैकेनिज्म के साथ फिक्स रहता है।




Arc Chute

अर्च च्युट का काम MPCB (Motor Protection Circuit Breaker) के ऑपरेट यानी बंद या चालू होते समय पैदा होने वाले अर्च को रोकने और खत्म करने के का होता है। इसका बाहरी आवरण ग्लास सोल से बनाया जाता है ताकि ये अर्च पैदा होने के साथ बढ़ने वाले तापमान को झेल सके। अर्च च्युट में कॉपर की प्लेट लगी होती हैं जोकि अर्च को छोटे छोटे हिस्सो में तोड़ के खत्म करने का काम करती हैं।

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Auxiliary switches

सामान्य तौर पे NO-NC (नॉर्मली ओपन – नॉर्मली क्लोज) स्विच ही ऑक्सीलिरी कहा जाता है। जिनके द्वारा ट्रिपिंग या नार्मल कंडीशन में मोटर को कंट्रोल किया जाता है। ये MPCB से स्टेटस को एक्सटर्नल सर्किट के साथ शेयर करते हैं।

Enclosure

MPCB के अंदर के मैकेनिज्म को ढकने के लिए इंसुलेटिंग मटेरियल यानी कुचालक पदार्थ द्वारा बने एनक्लोजर का उपयोग किया जाता है। इसको मोल्डेड प्लास्टिक रेसिंस द्वारा बनाया जाता है। इस एनक्लोजर की मजबूती बढ़ाने के लिए प्लास्टिक रेसिंस के साथ ग्लास फाइबर का भी उपयोग किया जाता है।

Working Principle of Motor Protection Circuit Breaker

नार्मल कंडीशन में MPCB सर्किट को ट्रिप नही करती है, जब असाधारण कंडीशन या कोई फाल्ट की कंडीशन होती है तभी MPCB सर्किट तो ट्रिप करती है। चलिए अब MPCB के वर्किंग प्रिंसीपल को देखते हैं।

Overload tripping

जैसा कि आप जानते हैं हमारे जितने भी कंडक्टर यानी चालक होते हैं उन सभी का कुछ ना कुछ रेसिस्टेंस होता है, किसी कंडक्टर का रेसिस्टेंस कम होता है तो किसी कंडक्टर का ज्यादा। तो जब इन कंडक्टर मे से करंट का बहाव होता है तो इनके रेसिस्टेंस के कारण कुछ पावर लॉस होके हीट यानी गर्मी में बदल जाती है। कंडक्टर पे पैदा होने वाली ये हीट यानी गर्मी इसमें बहने वाले करंट के डायरेक्टली प्रोपोर्शनल होती है। इसका मतलब ये हुआ कि कंडक्टर में से जितना ज्यादा करंट का फ्लो होगा उतनी ही ज्यादा हीट पैदा होगी।

तो MPCB में उपयोग की जाने वाली बाई मेटालिक स्ट्रिप को इस तरह से डिज़ाइन किया जाता है कि जब ये बहुत गर्म हो जाती है तो ये मुड़ जाती है। नार्मल कंडीशन में जब इस स्ट्रिप से करंट फ्लो करता है तो इसमें हल्की गर्मी पैदा होती है। लेकिन जब कोई भी एब्नॉर्मल कंडीशन हो तो ज्यादा करंट फ्लो करने के कारण ज्यादा हीट पैदा होती है। जिसके कारण ये स्ट्रिप मुड़ के ट्रिपिंग मैकेनिज्म से मिल जाती है। जिसके कारण ये ट्रिप हो जाती है।

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Unbalance and phase loss protection

MPCB की अनबेलेंस प्रोटेक्शन तुरंत काम नहीं करती है, ये करंट के स्तर के उपर निर्भर करती है। ये एक बहुत ही सिंपल कॉन्सेप्ट है जैसे कि जब वोल्टेज कम होती है तो करंट बढ़ेगा।।

उदाहरण

मान लीजिए एक 3 फेज की मोटर है और उसका एक फेज लॉस हो गया है। यानी तीनो में से एक फेज की सप्लाई चली जाती है तो मोटर का सारा लोड बाकी के 2 फेज पे आ जायेगा। जैसे तीनों फेज पे 100-100% लोड था यो एक फेज चले जाने से एक फेज का 50-50% लोड बाकी दोनो फेज पे आ जायेगा। तो ऐसे पे दोनों फेज पे 150% लोड हो जाएगा। तो इस बढ़े हुए लोड के कारण MPCB का थर्मल ओवरलोड सिस्टम सर्किट को ट्रिप कर देगा।

Advantages of MPCB

  • ओवरलोड, शार्ट सर्किट, अनबेलेंस लोड, फेज लॉस और ओवर करंट जैसी प्रोटेक्शन एक ही डिवाइस में मिल जाती हैं।
  • एडजस्ट करना बहुत आसान है।
  • साइज कॉम्पैक्ट होता है यानी बहुत बड़ा नही होता।
  • इसके मेंटेनेन्स की जरूरत बहुत कम पड़ती है।
  • इसको लगाने के बाद अलग से थर्मल ओवरलोड रिले लगाने की जरूरत नही होती।

Disadvantage of MPCB

  • इसकी कीमत बहुत ज्यादा होती है। जैसे एक 63A तक कि MPCB की कीमत लगभग 45000 रुपये होती है।
  • खराब हो जाने पे इसको रिपेयर नही किया जा सकता।
  • इसकी शार्ट सर्किट ट्रिपिंग के करंट को एडजस्ट नही किया जा सकता।

Motor Protection Circuit Breaker Selection

MPCB 0.1A से 630A तक कि रेटिंग में मिल जाती है। लेकिन इसमें आप शार्ट सर्किट से प्रोटेक्शन के लिए करंट की रेंज को सेलेक्ट नही कर सकते। तो अब देखते हैं आप मोटर के लिये MPCB का चुनाव कैसे कर सकते हैं।

Max MPCB Current Range in Amps = 1.6 x 1000 x P(kW) / (1.732Voltspf)

उदाहरण

यहां पे हम 3 फेज, 415V, 0.8pf, 10kw इंडक्शन मोटर के लिए MPCB का चुनाव करने वाले हैं।

MPCB Range in Amps = 1.6 x 1000 x 10/ (1.7324150.8)

= 27.82 Amps

तो कैलकुलेशन के अनुसार यहां पे 10kw की मोटर का करंट 27.82 आया है हम इसको राउंड में 28 मान के चलते हैं। तो इसके अनुसार आपको यहां पे लगभग 20 से 30 Amp की रेंज वाली MPCB का सिलेक्शन करना होगा।

तो उम्मीद है आपको what is mpcb, what is mpcb in electrical, what is mpcb breaker, mpcb full form in electrical, mpcb electrical, motor protection circuit breaker, से जुड़ी हुई पोस्ट आपको पसंद आई होगी। आपको हमारी ये पोस्ट कैसी लगी आप हमें कमेंट में बता सकते हैं या हमसे कांटेक्ट कर सकते हैं। अगर आपको ये पोस्ट ज्ञानवर्धक लगी हो तो दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं। साथ ही हमारे YouTube Channel Electrical Help सब्सक्राइब भी कर सकते हैं।

MPCB क्या होती है?

MPCB और कुछ नहीं बल्कि मोटर प्रोटेक्शन सर्किट ब्रेकर है। इसमें थर्मल ओवरलोड, शॉर्ट सर्किट, अनबैलैंस लोड, और फेज लॉस जैसी प्रोटेक्शन होती है।

MPCB की फुल फॉर्म क्या होती है?

MPCB की फुल फॉर्म motor protection circuit breaker MPCB होती है

Advantages of MPCB?

ओवरलोड, शार्ट सर्किट, अनबेलेंस लोड, फेज लॉस और ओवर करंट जैसी प्रोटेक्शन एक ही डिवाइस में मिल जाती हैं।
एडजस्ट करना बहुत आसान है।
साइज कॉम्पैक्ट होता है यानी बहुत बड़ा नही होता।
इसके मेंटेनेन्स की जरूरत बहुत कम पड़ती है।
इसको लगाने के बाद अलग से थर्मल ओवरलोड रिले लगाने की जरूरत नही होती।

Disadvantage of MPCB?

इसकी कीमत बहुत ज्यादा होती है। जैसे एक 63A तक कि MPCB की कीमत लगभग 45000 रुपये होती है।
खराब हो जाने पे इसको रिपेयर नही किया जा सकता।
इसकी शार्ट सर्किट ट्रिपिंग के करंट को एडजस्ट नही किया जा सकता।

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