How to Calculate Busbar Current Carrying Capacity in Hindi

busbar current carrying capacity in hindi

Busbar Current Carrying Capacity in Hindi

Busbar Current Carrying Capacity in Hindi – How to Calculate Busbar Current Carrying Capacity? केबल की करंट कैरिंग कैपेसिटी के बारे में तो आप सब जानते होंगे। लेकिन क्या आप बस बार की करंट कैरिंग कैपेसिटी के बारे में जानते हैं? बस बार की करंट कैरिंग कैपेसिटी कैसे निकाली जाती है? बस बार की करंट कैरिंग कैपेसिटी निकालने का क्या फार्मूला होता है? यह सब हम इस पोस्ट में जानने वाले हैं।

What is BusBar? (बसबार क्या है?)

Busbar धातु की एक पत्ती/कंडक्टर होती है, जिसका आकर वर्गाकार या आयत (square or rectangle) होता है। इसका उपयोग इलेक्ट्रिकल के मुख्य पैनल जैसे MCC (Motor Control Circuit), PCC (Power control circuit), MLDB (Main Lighting Distribution Board) आदि में किया जाता है।

BusBar को कॉपर, ऐलुमिनियम, लोहा, चांदी, सोना और गैल्वेनाइज्ड आयरन यानी GI से बनाया जाता है। अलग अलग धातु से बनी बसबार को अलग अलग प्रकार के कामों के लिए उपयोग किया जाता है।

उदाहरण के लिए कॉपर और ऐलुमिनियम की बसबार को इलेक्ट्रिकल पैनल में कंडक्टर के रूप में उपयोग किया जाता है। आयरन यानी लोहे की बसबार को ट्रैक्शन कंडक्टर यानी चालक के रूप में उपयोग किया जाता है जैसे लिफ्ट और ट्राली आदि में। गैल्वेनाइज्ड आयरन यानी GI की बसबार को अर्थिंग के लिए उपयोग किया जाता है। सोने और चांदी की बसबार का उपयोग उच्च चालकता (high conductivity) के लिए किया जाता है।

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Why Busbar are preferred for electrical installation?

ज्यादातर इलेक्ट्रिकल सिस्टम में केबल की जगह बसबार को प्राथमिकता देने के बहुत से कारण होते हैं जैसे:-




  • बसबार को लगाना बहुत ही आसान होता है।
  • बसबार की फ्लेक्सिबिलिटी यानी लचीलापन बहुत अच्छा होता है।
  • बसबार को एक्सपैंड करना यानी जोड़ लगाके आगे बढ़ाना बहुत आसान होता है।
  • केबल के मुकाबले बसबार की करंट कैरिंग कैपेसिटी बहुत ज्यादा होती है।
  • बसबार को बनाना बहुत आसान होता है।
  • बसबार की कीमत भी केबल के मुकाबले बहुत कम होती है।

AC busbar and DC busbar (AC और DC बसबार मे अंतर)

बहुत से लोग AC और DC बसबार को लेके कंफ्यूज रहते हैं। प्रक्टिकल्ली बात करें तो बसबार का मतलब एक कंडक्टर यानी चालक ही होता है, जोकि AC और DC (Alternating current and Direct current) दोनों ही फ्लो कर सकते हैं।

जो बसबार अल्टरनेटिंग करंट (AC) ले जाती है उसको AC बसबार कहते हैं और जो बसबार डायरेक्ट करंट (DC) ले जाती है उसको DC बसबार कहते हैं। बसबार में इसके अलावा और कोई अंतर नही होता। और ना ही AC और DC के लिए बसबार को बनाते समय कोई स्पेशल चीज की जरूरत पड़ती। अगर एक बसबार कि रेटिंग 500 एम्पेयर की है तो उसमें से 500 एम्पेयर करंट ही फ्लो करेगा, चाहे वो AC हो या DC इस से कोई फर्क नही पड़ता।

बसबार की करंट कैरिंग कैपेसिटी इसको बनाने वाली धातु के ऊपर निर्भर करती है। अलग अलग धातु से बनी बसबार की करंट कैरिंग कैपेसिटी अलग अलग होती है। तो अब यहां पे हम एक एक करके कॉपर, ऐलुमिनियम, आयरन, GI और चांदी से बनी बसबार की कैपेसिटी के बारे में जानते हैं।

लोहे की बसबार की करंट कैरिंग कैपेसिटी (Iron Busbar current carrying capacity)

लोहे की बसबार का उपयोग वैसे तो बहुत कम जगहों पे किया जाता है। इनका ज्यादातर उपयोग लिफ्ट, ट्राली, ट्रैक्शन और अनलोअडर आदि में किया जाता है। आयरन का रेजिस्टेंस ज्यादा होने के कारण इसमें I2R लॉस ज्यादा होते हैं। आयरन की बसबार कॉपर और ऐलुमिनियम के मुकाबले ज्यादा सस्ती होती है। लेकिन आयरन की बसबार पे जंग जल्दी लगने के कारण ये ज्यादा नमी वाले इलाके में बहुत जल्दी खराब हो जाती हैं।

Iron busbar current Carrying capacity = 0.6 × Busbar width × Thickness

आयरन की बसबार की करंट कैरिंग कैपेसिटी = 0.6 × बसबार की चौड़ाई × बसबार की मोटाई

उदाहरण

उदाहरण के लिए देखे तो अगर आयरन की बसबार की चौड़ाई 50 mm और मोटाई 10 mm है तो बसबार का टोटल एरिया 50×10 = 500 sqmm होगा। इस अनुसार इसकी करंट कैरिंग कैपेसिटी एरिया का 0.6 गुणा = 500sqmm × 0.6 = 300 एम्पेयर होगी।

GI की बसबार की करंट कैरिंग कैपेसिटी (Galvanized Iron Busbar current carrying capacity)

GI यानी Galvanized Iron की बसबार इलेक्ट्रिकल अर्थिंग में सबसे ज्यादा उपयोग की जाती है। अक्सर इनको आपने इलेक्ट्रिकल पैनल के साथ लगी देखा होगा। इन बसबार को गैल्वेनाइज्ड आयरन से बनाया जाता है। इनको GI बसबार भी कहते हैं।

गैल्वेनाइज्ड किये जाने के बाद आयरन का रस्टिंग जैसे जंग लगना, कोरोजन और अन्य मौसमी खतरों से बचाव होता है। इसके लिए आयरन के ऊपर जिंक की एक मजबूत परत चढ़ा दी जाती है जोकि अपने अंदर आयरन को पूरी तरह कवर कर लेता है। इसकी करंट कैरिंग कैपेसिटी भी साधारण आयरन बसबार जितनी ही होती है।

Galvanised busbar current Carrying capacity = 0.6 × Busbar width × Thickness

GI बसबार की करंट कैरिंग कैपेसिटी = 0.6 × बसबार की चौड़ाई × बसबार की मोटाई

उदाहरण

उदाहरण के लिए देखे तो अगर GI की बसबार की चौड़ाई 50 mm और मोटाई 10 mm है तो बसबार का टोटल एरिया 50×10 = 500 sqmm होगा। इस अनुसार इसकी करंट कैरिंग कैपेसिटी एरिया का 0.6 गुणा = 500sqmm × 0.6 = 300 एम्पेयर होगी।

ऐलुमिनियम की बसबार की करंट कैरिंग कैपेसिटी (Aluminium Busbar current carrying capacity)

ऐलुमिनियम की बसबार कॉपर की बसबार के मुकाबले ज्यादा उपयोग की जाती है। इसका कारण इसके कॉपर के मुकाबले बहुत सस्ता होना है। लेकिन ऐलुमिनियम बसबार की रेसिस्टिट्विटी कॉपर के मुकाबले ज्यादा होती है। तो ऐसे में ऐलुमिनियम बसबार करंट कैरिंग कैपेसिटी कॉपर के मुकाबले कम होती है।

Aluminium busbar current carrying capacity = 0.8 × Busbar width × Thickness

ऐलुमिनियम की बसबार की करंट कैरिंग कैपेसिटी = 0.8 × बसबार की चौड़ाई × बसबार की मोटाई

उदाहरण

उदाहरण के लिए देखे तो अगर ऐलुमिनियम की बसबार की चौड़ाई 50 mm और मोटाई 10 mm है तो बसबार का टोटल एरिया 50×10 = 500 sqmm होगा। इस अनुसार इसकी करंट कैरिंग कैपेसिटी एरिया का 0.8 गुणा = 500sqmm × 0.8 = 400 एम्पेयर होगी। कॉपर और ऐलुमिनियम की कीमत के मुकाबले इनकी करंट कैरिंग कैपेसिटी देखी जाए, तो ऐलुमिनियम की बसबार बहुत बढ़िया रहती है।

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कॉपर की बसबार की करंट कैरिंग कैपेसिटी (Copper Busbar current carrying capacity)

कॉपर यानी तांबे की कंडक्टिविटी ज्यादा और रेसिस्टिट्विटी कम होती है। यानी कॉपर की जो करंट को ले जाने वाली क्षमता होती है वो बहुत ज्यादा होती है। कॉपर के बसबार की मानक (Standard) करंट कैरिंग कैपेसिटी इसके आकर का 1.2 गुना होती है।

जिसका मतलब ये हुआ कि अगर कॉपर की बसबार की चौड़ाई 50 mm और मोटाई 10 mm है तो बसबार का टोटल एरिया 50×10 = 500 sqmm होगा। इस अनुसार इसकी करंट कैरिंग कैपेसिटी एरिया का 1.2 गुणा = 500sqmm × 1.2 = 600 एम्पेयर होगी।

Copper busbar current carrying capacity = 1.2 × Busbar width × Thickness

कॉपर की बसबार की करंट कैरिंग कैपेसिटी = 1.2 × बसबार की चौड़ाई × बसबार की मोटाई

कॉपर बसबार का नुकसान सिर्फ यही होता है कि जिस जगह में नमी बहुत ज्यादा रहती है वहां कॉपर बसबार जल्दी खराब हो जाती है, तो ऐसी जगह पे ऐलुमिनियम की बसबार का उपयोग करना सही रहता है। लेकिन ऐसे में ऐलुमिनियम की बसबार का उपयोग नही करना तो ऐसे में टिन कोटेड कॉपर बसबार का उपयोग किया जा सकता है।

चांदी की बसबार की करंट कैरिंग कैपेसिटी (Silver Busbar current carrying capacity)

चांदी की बसबार को बहुत कम जगह पे उपयोग किया जाता है। या फिर यूं कहें कि चांदी की बसबार का उपयोग सिर्फ ऐसी जगह पे किया जाता है जहां पे बहुत ज्यादा चालकता (High Conductivity) की जरूरी होती है। ऐसा इसकी बहुत ज्यादा कीमत के कारण होता है। चांदी की कंडक्टिविटी के साथ साथ इसकी कीमत भी कॉपर, ऐलुमिनियम और आयरन के मुकाबले बहुत ज्यादा होती है।

Silver busbar current Carrying capacity = 1.6 × Busbar width × Thickness

चांदी बसबार की करंट कैरिंग कैपेसिटी = 1.6 × बसबार की चौड़ाई × बसबार की मोटाई

उदाहरण

उदाहरण के लिए देखे तो अगर चांदी की बसबार की चौड़ाई 50 mm और मोटाई 10 mm है तो बसबार का टोटल एरिया 50×10 = 500 sqmm होगा। इस अनुसार इसकी करंट कैरिंग कैपेसिटी एरिया का 1.6 गुणा = 500sqmm × 1.6 = 800 एम्पेयर होगी।

कीमत की तुलना

यहाँ पे हम सभी तरह की धातु के अनुसार बसबार को घटते क्रम में आपको बताएंगे।

  1. चांदी
  2. कॉपर
  3. ऐलुमिनियम
  4. GI
  5. आयरन

यहाँ पे हम सभी तरह की धातु की बसबार को कीमत और प्रदर्शन रेश्यो के अनुसार घटते क्रम में आपको बताएंगे।

  1. ऐलुमिनियम
  2. कॉपर
  3. GI
  4. आयरन
  5. चांदी

तो उम्मीद है आपको busbars in electrical, bus bar in electrical, busbar current carrying capacity in hindi, copper current carrying capacity in hindi, aluminium current carrying capacity in hindi से जुड़ी हुई पोस्ट आपको पसंद आई होगी। आपको हमारी ये पोस्ट कैसी लगी आप हमें कमेंट में बता सकते हैं या हमसे कांटेक्ट कर सकते हैं। अगर आपको ये पोस्ट ज्ञानवर्धक लगी हो तो दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं। साथ ही हमारे YouTube Channel Electrical Help सब्सक्राइब भी कर सकते हैं।

What is BusBar?

Busbar धातु की एक पत्ती/कंडक्टर होती है, जिसका आकर वर्गाकार या आयत (square or rectangle) होता है। इसका उपयोग इलेक्ट्रिकल के मुख्य पैनल जैसे MCC (Motor Control Circuit), PCC (Power control circuit), MLDB (Main Lighting Distribution Board) आदि में किया जाता है।

AC और DC बसबार मे अंतर?

जो बसबार अल्टरनेटिंग करंट (AC) ले जाती है उसको AC बसबार कहते हैं और जो बसबार डायरेक्ट करंट (DC) ले जाती है उसको DC बसबार कहते हैं। बसबार में इसके अलावा और कोई अंतर नही होता।

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