Types of Transformer in Hindi | ट्रांसफार्मर के प्रकार
Types of Transformer in Hindi | ट्रांसफार्मर के प्रकार – आप हर रोज कही ना कहीं किसी ना किसी प्रकार के Transformer को देखते होंगे। आप हमारी इस पोस्ट में विभिन्न प्रकार के Transformer के बारे में जानेंगे। लेकिन Electrical Transformers के प्रकार के बारे में अधिक बताने से पहले आपको यहां Transformer के basic principle के बारे में संक्षिप्त बताते हैं।
Transformers एक ऐसा उपकरण होता है जो दो AC circuits के बीच पावर ट्रांसफर करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह फैराडे के Law of electromagnetic induction के ऊपर काम करता है। auto-transformers को छोड़कर सभी ट्रांसफार्मर में एक common magnetic field द्वारा एक सर्किट से दूसरे में पावर ट्रांसफर की जाती है। जब Transformer द्वारा हम AC पावर को कम या ज्यादा करता है तो उसकी फ्रीक्वेंसी नही बदलती, जो फ्रीक्वेंसी हमने इनपुट में दी थी वही आउटपुट में मिलती है।
जब एक ट्रांसफार्मर की Primary Winding पे alternating current दिया जाता है, तो यह एक magnetic field उत्तपन्न करता है। AC supply के sinusoidal प्रकृति के कारण, उत्त्पन्न चुंबकीय क्षेत्र (magnetic field) अलग-अलग होगा। जब ये magnetic field ट्रांसफार्मर के आउटपुट यानी Secondary Winding के साथ intersects (काटना या मिलना) करता है, तो इसमें E.M.F प्रेरित (induced) होता है।
Transformer Kitne Prakar ke Hote Hain | Types of Transformer in Hindi
ट्रांसफार्मर को कई तरीकों से वर्गीकृत (classified) किया गया है। इस पोस्ट में, हमने उन्हें उनके application यानी इस्तेमाल करने के आधार पर वर्गीकृत करेंगे।
Power Transformers
जेनरेटिंग स्टेशन जहां पर बिजली बनाई जाती है वहां पैदा होने वाले वोल्टेज को स्टेप अप करने के लिए जो ट्रांसफॉर्मर उपयोग किए जाते हैं वो आमतौर पर पावर ट्रांसफॉर्मर कहलाते हैं। ये ट्रांसफार्मर आमतौर पर 500kVA से ऊपर के होते हैं और ये जनरेटर और वितरण (distribution) सर्किट के बीच लगे होते हैं। ये ट्रांसफार्मर स्टेप-अप ट्रांसफार्मर होते हैं। उनका बनावट और निर्माण इनकी rating और इनको लगाना कहाँ है उस जगह के साथ बदलता रहता है। जिनका उपयोग बाहर यानी outdoor में होता है, वे आमतौर पर oil-immersed होते हैं, जबकि indoor उपयोग होते हैं वो ट्रांसफार्मर मुख्य रूप से dry type के होते हैं।
kVA आधारित Types of Transformer in Hindi
KVA rating के आधार पर ट्रांसफार्मर को निम्नलिखित क्रम में बांटा गया है।
- Small Power Transformers
- Medium Power Transformers
- Large Power Transformers
Small Power Transformers
500 to 7500 kVA तक के ट्रांसफार्मर Small Power Transformers कहलाते हैं।
Medium Power Transformers
7500 kVA to 100 MVA तक के ट्रांसफार्मर Medium Power Transformers कहलाते हैं।
Large Power Transformers
100 MVA से ऊपर के ट्रांसफार्मर Large Power Transformers कहलाते हैं।
Medium और Large ट्रांसफार्मर कूलिंग सिस्टम, वोल्टेज जो घटाने या बढ़ाने के लिए Tap Changing और अंदरूनी फाल्ट के लिए Buchholz relay दी गयी होती है। इसके अलावा, एक तेल oil conservator tank भी ट्रांसफार्मर में लगाया जाता है। यहां ध्यान देने वाली बात ये है जो Buchholz relay और oil conservator tank होता है वो सिर्फ Oil Immersed Transformers में ही लगाया जाता है।
Winding के आधार पे ट्रांसफार्मर के प्रकार
Single Winding Transformer
इस प्रकार के Transformer में सिर्फ एक ही Winding होती है, इसे हम Auto Transformer भी कहते हैं।
Two Windings Transformer
इस प्रकार के Transformer में दो Windings होती हैं। जैसे कि Step Up Transformer और Step Down Transformer
Multi Windings Transformer
इस प्रकार के Transformer में दो से ज्यादा Windings होती हैं। इस प्रकार के Transformer भी Step Up Transformer और Step Down Transformer होते हैं। जिनका इस्तेमाल हम 3 फेज Transformer के रूप में करते हैं। या फिर इनका इस्तेमाल इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में किया जाता है जहां पर अलग-अलग वोल्टेज की जरूरत होती है।
सप्लाई के आधार पे | फेज की संख्या आधारित ट्रांसफार्मर के प्रकार
जैसा कि आप जानते होंगे, ट्रांसफार्मर सिर्फ AC इलेक्ट्रिकल सप्लाई पर ही काम करता है। और इलेक्ट्रिकल में AC सप्लाई को दो तरह से उपयोग किया जाता है। इसलीए ट्रांसफार्मर को सप्लाई के आधार पे या फेज की संख्या आधार पर दो तरह बांटा जाता है।
- Single Phase Transformer
- Three Phase Transformer
Instrument ट्रांसफार्मर के प्रकार
Instrument transformers का उपयोग हाई वोल्टेज और हाई करंट सर्किट के बीच isolation प्रदान करता है। measurements के साथ-साथ protection devices के बीच भी अलगाव (isolation) प्रदान करता है। Instrument transformers को Potential transformers या वोल्टेज ट्रांसफार्मर (पीटी) और current transformers (सीटी) कहते हैं।
PT | पोटेंशियल ट्रांसफार्मर
Potential transformers या Voltage transformers का उपयोग वोल्टेज को निचले स्तरों तक ले जाने यानी वोल्टेज को स्टेप डाउन करने के लिए किया जाता है ताकि measuring instrument वोल्टमीटर को जोड़ा जा सके। लोड को Raw Power देने के लिए कभी भी इनका उपयोग नहीं किया जाता।
उनका उपयोग voltmeter, wattmeter, power factor meter, frequency meter, synchro scopes, circuit breaker tripping circuits आदि के लिए किया जाता है। ट्रांसफार्मर की प्राइमरी वाइंडिंग हाई वोल्टेज से जुड़ी होती है और इंस्ट्रूमेंट या अन्य सर्किट सेकेंडरी वाइंडिंग से जुड़े होते हैं। जब तक कुल इम्पीडेंस PT की रेटिंग के अनुसार अधिक नहीं हो जाता है, तब तक जितने चाहे उतनी संख्या में instruments PT से जोड़ सकते हैं।
Read More:-
- What is Tap changer and Types of Tap Changer [हिंदी]
- CT vs PT | Difference between CT and PT [हिंदी]
- Transformer Kya Hota Hai | ट्रांसफार्मर इन हिंदी
CT | करंट ट्रांसफॉर्मर
Potential Transformers की तरह Current Transformers या CT भी high current circuits में measuring और sensing उपकरण के isolation के लिए इस्तेमाल किये जाते हैं, यानी ये इन उपकरणों को मुख्य सर्किट से अलग रखते हुए कार्य पूरा कराते हैं। CT की प्राइमरी वाइंडिंग उस सर्किट के साथ सीरीज में जुड़ी होती है जिस सर्किट की निगरानी की जानी है या उनका डेटा मापना हो। और और सेकेंडरी वाइंडिंग के साथ मेज़रमेंट करने वाले उपकरण जुड़े होते हैं।
Current Transformer का आकार उसके रीडिंग का अनुपात और कनेक्शन एक अलग अलग हो सकते है जो उसके टाइप में निर्भर होता है। Current Transformers के मुख्य रूप से दो प्रकार होते हैं। बनावट के आधार पे ये बार यानी छड़ और रिंग टाइप में होते हैं। बार टाइप CT की प्राइमरी वाइंडिंग सर्किट के साथ सीरीज में जुड़ती है जबकि रिंग टाइप CT को कंडक्टर के ऊपर यानी लगाया जाता है, यानी रिंग टाइप CT में एक छेद होता है उस मे से केबल को गुजरा जाता है और वो केबल ही CT की प्राइमरी वाइंडिंग का काम करती है।
Cooling के आधार पे ट्रांसफार्मर के प्रकार
- ONAN
- ONAF
- OFAF
ONAN
ONAN का मतलब Oil Natural Air Natural होता है यानी जब तेल बिना किसी बाहरी Force के Transformer के Fins में घूमता है साथ ही हवा भी प्राकृतिक तरीके से इसको ठंडा करती हो, तो इसे Oil Natural Air Natural कहा जाता है। इस तरीके मे ट्रांसफार्मर को ठंडा रखने के लिए बहार से कोई तेल या हवा के प्रेशर का उपयोग नहीं किया जाता। इसमे ट्रांसफार्मर को प्राकृतिक तरीके से ही ठंडा किया जाता है। इसी लिए इसको ONAN ट्रांसफार्मर कहा जाता है। इस तरीके का उपयोग लो वोल्टेज वाले पॉवर ट्रांसफार्मर में किया जाता है।
ONAF
ONAF का मतलब Oil Natural Air Forced होता है, इसमें तेल तो बिना किसी बाहरी Force के Transformer के Fins में घूमता है, लेकिन हवा को पंखों के माध्यम से Transformer पे फेंका जाता है। यह Transformer की क्षमता में 33% तक वृद्धि करता है। इस तरीके का उपयोग मीडियम और हाई वोल्टेज ट्रांसफार्मर जहां सामान्य से ज्यादा गर्मी उत्पन्न हो रही हो ऐसी जगह पे किया जाता है।
OFAF
OFAF का मतलब Oil Forced Air Forced होता है। इस प्रकार के Transformer में तेल और हवा दोनों को बाहरी Force के द्वारा Transformer पे घुमाया जाता है जिस से Transformer को ठंडा करने में और आसानी होती है। इसमें आयल के Circulating के लिए अलग से एक पंप लगाया जाता है, और हवा के लिए पंखे लगाए जाते हैं। OFAF का उपयोग हाई वाल्टज Transformer जहां ज्यादा लोड के कारण टेम्प्रेचर बहुत ही जायद हो जाता हो उसी जगह किया जाता है। इस से Transformer के काम करने की क्षमता में 66% तक कि वृद्धि होती है।
Dry type transformer
एक dry-type transformer में इसकी वाइंडिंग्स के आसपास तरल नहीं होता है। इसकी वाइंडिंग के चारो तरफ इंसुलेशन गैस या शुष्क वस्तु होती है। oil-immersed की तुलना में, Dry type transformer हल्के और गैर-ज्वलनशील होते हैं। कठिन पर्यावरणीय और मौसम की हानिकारक परिस्थितियों से बचाने के लिए dry-type transformer की वाइंडिंग पे resin या varnish लगाया जाता है।
dry-type transformer इनडोर और आउटडोर दोनों जगह के लिए उपयुक्त हैं, लेकिन इनको केवल शुष्क पर्यावरणीय परिस्थितियों जहा हवा में नमी बहुत कम या ना के बराबर हो वहाँ के लिए ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। कुछ dry-type transformer में forced cooling सिस्टम से भी इस्तेमाल किया जाता है, मुख्य तौर पे जिनकी रेटिंग 30MVA या 30000kVA तक होती हो उनमे। dry-type transformer की बात करें तो ये oil-immersed transformers की तुलना में बहुत कम जगह घेरते हैं।
Oil-immersed transformers
ज्यादातर पॉवर और वितरण ट्रांसफार्मर (power and distribution transformers), Oil-immersed transformers होते हैं। जैसा कि पहले बताया था, इन ट्रांसफार्मर वाइंडिंग पूरी तरह से तेल में डूबी होती है। ट्रांसफार्मर का तेल ज्यादा बेहतर इन्सुलेशन और कूलिंग प्रदान करता है।
Core या बनावट आधारित ट्रांसफार्मर के प्रकार
Core Type Transformer
Core Type Transformer के में प्राइमरी और सेकेंडरी दोनों वाइंडिंग को अलग अलग लगाया जात है। इसके लिए L, U और I अंग्रेजी अक्षरों जैसे अलग अलग प्रकार के कोर बनाए जाते हैं। Core Type ट्रांसफार्मर का इस्तेमाल पावर ट्रांसफार्मर, डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर में उपयोग किया जाता है जहां हाई वोल्टेज एप्लीकेशन होती हैं।
Shell Type Transformer
Shell Type Transformer में बिच वाले हिस्से पे प्राइमरी और सेकेंडरी वाइंडिंग की जाती है। आउट साइड की तारफ वाली कोर प्राइमरी और सेकेंडरी वाइंडिंग के बाहरी तरफ यानि इनके ऊपर होती है। इसकी कोर अंग्रेजी ले I और E अक्षर कि तरह दिखती हैं। इस Shell Type Transformer को इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रानिक्स सर्किट मे लो वोल्टेज के लिए उपयोग किया जाता है।
Autotransformers
एक Autotransformer एक सिंगल वाइंडिंग वाला ट्रांसफॉर्मर होता है। इसमें एक ही वाइंडिंग प्राइमरी वाइंडिंग और सेकेंडरी वाइंडिंग दोनों का काम करती है। Autotransformer के प्राइमरी और सेकेंडरी के बीच इलेक्ट्रिकल एनर्जी मुख्य रूप से conduction और थोड़ी induction के माध्यम से ट्रांसफर होती है। दो वाइंडिंग वाले ट्रांसफार्मर के मुकाबले Autotransformer का लाभ यह है कि एक जैसी VA रेटिंग के लिए, Autotransformer में वाइंडिंग्स के लिए कम तांबे के कंडक्टर की आवश्यकता होती है।
इसके अलावा, इसमें सामान्य ट्रांसफार्मर की तुलना में पावर का नुकसान कम होता है और efficiency भी ज्यादा होती है। Autotransformer का उपयोग मुख्य रूप से AC motor starters और प्रयोगशालाओं में निरंतर वोल्टेज में भिन्नता के लिए किया जाता है। ये सिंगल फेज और 3 फेज सर्किट के लिए उपलब्ध होते हैं। 3 फेज ट्रांसफार्मर में प्रत्येक फेज के लिए तीन अलग-अलग वाइंडिंग होती हैं। Autotransformer व्यावसायिक रूप से variac के रूप में जाने जाते हैं और 2 MVA तक उपलब्ध होते हैं।
Constant Voltage Transformers
Constant Voltage transformers या CVT मुख्य रूप से noise reduction उपकरण के रूप में उपयोग किया जाता है। यह एक constant voltage output ट्रांसफार्मर है, जिसका अर्थ है कि इसकी इनपुट वोल्टेज में बड़े बदलाव से उल्ट आउटपुट वोल्टेज में बहुत कम बदलाव होता है। ये ट्रांसफार्मर ferromagnetic material और ferro-resonance पर आधारित होते हैं।
CVT वोल्टेज के sags को कम करने में सक्षम होते हैं और dc power supplies, contactors, relays, solenoid valve, switched mode power supplied and PLC (Programmable logic controller) सर्किट में उपयोग किए जाते हैं। Constant Voltage transformers की आउटपुट वोल्टेज regulation capability इसके साथ जोड़े गए लोड के inrush and steady operational currents द्वारा निर्धारित की जाती है। CVT कम वोल्टेज (अधिकतम 260V) और 1500VA की रेटिंग तक उपलब्ध होते हैं।
Phase Shifting transformers
Phase shifting transformers (PST) का उपयोग AC पावर सप्लाई नेटवर्क में पावर ट्रांसफर यानी बिजली कोएक जगह से दूसरी जगह भेजने की efficiency में सुधार करने के लिए किया जाता है। Phase Shifting transformers प्राइमरी और सेकंडरी वाइंडिंग के बीच फेज में बदलाव करता है। यह phase shift सर्किट में करंट के प्रवाह को प्रभावित करता है।
इसे quadrature booster के नाम से भी जाना जाता है। एक quadrature booster में दो अलग-अलग ट्रांसफार्मर होते हैं। इनमें से एक मुख्य सर्किट के साथ सीरीज में जुड़ा होता है और दूसरा फेज के साथ समानांतर जुड़ा होता है। वोल्टेज और फेज शिफ्ट को ट्रांसफार्मर के सेकेंडरी की तरफ टेप द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है।
Grounding transformers
जहा सेकेंडरी वाइंडिंग डेल्टा कनेक्टेड या फिर अंडरग्राउंड WYE सेकेंडरी कनेक्शन वाले distribution transformers होते हैं, उनमे Grounding transformers का इस्तेमाल ग्राउंड करने या न्यूट्रल देने के लिए किया जाता है। ये हमारे पावर सप्लाई को अर्थ फाल्ट से बचाते हैं।
Toroidal transformer
Toroidal transformer इलेक्ट्रॉनिक सर्किट बोर्ड के अंदर पाए जाने वाले छोटे ट्रांसफार्मर होते हैं, मुख्य रूप से पावर सप्लाई बोर्ड, एम्पलीफायर, टीवी, रेडियो, इनवर्टर आदि में पाए जाते हैं। ये अंगूठी के आकार के फेरोमैग्नेटिक कोर (ferromagnetic cores) पर तार लपेट कर बनाए जाते हैं।
Voltage level के आधार पे
इस प्रकार के Transformer में आउटपुट पे वोल्टेज का स्तर इनपुट से ज्यादा मिलता है। यानी जितनी वोल्टेज हम इसके इनपुट में देंगे इसके आउटपुट में हमे उस से ज्यादा वोल्टेज मिलेगी।
Step Down Transformer
इस प्रकार के Transformer में आउटपुट पे वोल्टेज का स्तर इनपुट से कम मिलता है। यानी जितनी वोल्टेज हम इसके इनपुट में देंगे इसके आउटपुट में हमे उस से कम वोल्टेज मिलेगी।
Application (इस्तेमाल) के आधार पे Types of Transformer in Hindi
Power Transformer
इस प्रकार के Transformer HT लाइन (11 kv से ऊपर) यानी के हाई वोल्टेज के ट्रांसमिशन में इस्तेमाल होते हैं।
Distribution Transformer
इस प्रकार के Transformer विद्युत के वितरण में काम आते हैं। ये Step Down Transformer होते हैं जोकि सिंगल और 3 फेज दोनों में ही इस्तेमाल होते हैं।
Pulse Transformer
इस प्रकार के Transformer का इस्तेमाल किसी भी Electronic Circuit को बंद और चालू करने में किया जाता है।
Element Transformer
ये Transformer heating यानी गर्मी की जरूरत वाले काम मे होती है। जैसे कि furnace
Air Core Transformer
इस प्रकार के Transformer में कोई धातु की कोर नही होती इसमें सिर्फ 2 कोर या वाइंडिंग होती हैं जोकि पास पास होती हैं। ये छोटे प्रकार के Transformer होते हैं जोकि Electronics सर्किट में काम आते हैं।
उम्मीद है types of transformer in hindi, transformer kitne prakar ke hote hain, ट्रांसफार्मर कितने प्रकार के होते हैं, ट्रांसफार्मर के प्रकार, transformer in hindi, transformers hindi, transformer ke prakar से जुड़ी यह पोस्ट आपको पसंद आई होगी। अगर पसंद आई है तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कर सकते हैं जुड़ा अगर आपका कोई सवाल है तो आप हमें नीचे कमेंट में पूछ सकते हो।
ऐसी ही और पोस्ट पढ़ने के लिए आप हमारे Blog Electrical Help को विजिट कर सकते हो और वीडियो देखने के लिए आप हमारे यूट्यूब चैनल Electrical Help को भी टाइप कर सकते हो।
FAQ
Q1. – Types of transformer in hindi?
Ans. – transformer अलग-अलग तरह के स्टेप डाउन ट्रांसफॉर्मर, स्टेप अप ट्रांसफॉर्मर, Single फेस, थ्री ट्रांसफार्मर etc अलग-अलग प्रकार के होते हैं।
Q2. – Distribution Transformer क्या होता है?
Ans. – इस प्रकार के Transformer विद्युत के वितरण में काम आते हैं। ये Step Down Transformer होते हैं जोकि सिंगल और 3 फेज दोनों में ही इस्तेमाल होते हैं।
Q3. – Autotransformer क्या होता है?
Ans. – एक Autotransformer एक सिंगल वाइंडिंग वाला ट्रांसफॉर्मर होता है। इसमें एक ही वाइंडिंग प्राइमरी वाइंडिंग और सेकेंडरी वाइंडिंग दोनों का काम करती है।
Q4. – Cooling के आधार पे ट्रांसफार्मर कितने प्रकार के होते हैं?
Ans. – Cooling के आधार पे ट्रांसफार्मर 3 प्रकार के होते हैं। 1. ONAN, 2. ONAF, 3. OFAF,
Q5. – Power Transformer क्या होता है?
Ans. – जेनरेटिंग स्टेशन जहां पर बिजली बनाई जाती है वहां पैदा होने वाले वोल्टेज को स्टेप अप करने के लिए जो ट्रांसफॉर्मर उपयोग किए जाते हैं वो आमतौर पर पावर ट्रांसफॉर्मर कहलाते हैं।
[…] इलेक्ट्रिकल ट्रांसफॉर्मर के प्रकार | T… […]
[…] के इस पोस्ट में हम आपको ट्रांसफार्मर के पैरलल ऑपरेशन के बारे में बताएंगे। […]
[…] इलेक्ट्रिकल ट्रांसफॉर्मर के प्रकार | T… […]
[…] इलेक्ट्रिकल ट्रांसफॉर्मर के प्रकार | T… […]
[…] इलेक्ट्रिकल ट्रांसफॉर्मर के प्रकार | T… […]
[…] इलेक्ट्रिकल ट्रांसफॉर्मर के प्रकार | T… […]