DOL, Star Delta, VFD और Soft starter में क्या अंतर होता है | Difference between DOL, Star Delta, VFD and Soft starter
direct online starter, star delta, vfd, और soft starter के बारे में हमने इस पोस्ट में बताया है। साथ ही इनके कुछ चित्र ओर ये सब कहा कहा इस्तेमाल होते है से सब भी बताया है।
DOL-Direct on line Starter:
DOL-Direct on line Starter |
इसमे मोटर का शुरुआती करंट फुल लोड करंट के मुकाबले 6 गुना होता है। इसमे एक bimetallic thermal overload relay ओवर लोड के खिलाफ प्रोटेक्शन प्रोवाइड करती है। यहाँपे मोटर चलते समय starting torque में कमी करने का कोई विकल्प नही होता है।
Star Delta Starter:
मोटर के शुरुआती करंट को सीमित करने के लिए इस प्रकार के स्टार्टर का इस्तेमाल किया जाता है। यहाँपे शुरुआत में मोटर की वाइंडिंग स्टार में जुड़े होते हैं। इसी कारण इसको दी जाने वाली वोल्टेज इसकी रेटेड वोल्टेज से 1/1.73 जितनी कम हो जाती हैं जिसके कारण स्टार्टिंग करंट भी कम हो जाता है। जब मोटर इसकी नियमानुसार दी गयी रफ्तार पे पहुच जाती है तो मोटर की वाइंडिंग के कनेक्शन कॉन्टैक्टर के द्वारा अपने आप डेल्टा में बदल जाते हैं।
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Auto Transformer Starters:
ऑटो ट्रांसफॉर्मर स्टार्टर में मोटर हमेशा डेल्टा में कनेक्ट होती है। डेल्टा कनेक्शन शुरुवाती वोल्टेज को 1.732 बार काम करता है तो शुरुवाती करंट भी कम हो जाता है। ऑटो ट्रांसफार्मर में अलग अलग टैपिंग पॉइंट होते हैं जैसे कि 60%, 70% और 80%. जब मोटर चालू होती है तो ऑटो ट्रांसफार्मर करंट तो लिमिट में करने के लिए अपने आप टैपिंग को एडजस्ट करता है। और जब मोटर अपनी पूरी रफ्तार पे चलने लगती है तब ट्रांसफार्मर टैपिंग की वाइंडिंग शार्ट हो जाती हैं और मोटर सीधी लाइन वोल्टेज पे चलने लगती है।
Soft Starter :
Soft Starter |
Soft starters Thyristor Drives होते हैं। इसमे power Thyristor के firing angle को नियंत्रित करके applied voltage की rms value को कम किया जाता है। पूर्ण गति को प्राप्त करने के लिए Thyristor पूरी तरह से संचालन (conducts) करता है। यहां शुरुआती वोल्टेज शून्य से लेके अधिकतम तक हो सकती है जिससे मोटर शुरू होने में आसानी होती है। इसी प्रकार सॉफ्ट-स्टॉप (soft – स्टॉप) सुविधा भी होती है जिससे मोटर की गति को धीरे-धीरे कम करके रोका जा जाता है।
VFD or VSD:
VFD or VSD |
VFDs में एससी वोल्टेज को निश्चित frequency के साथ DC वोल्टेज में परिवर्तित किया जाता है और इसके साथ ही AC वोल्टेज को अलग अलग frequency में परिवर्तित किया जाता है। frequency 0- 200% से होती है। इस प्रकार के स्टार्टर का उपयोग squirrel cage induction motor में किया जाता है।