Battery mein kaun sa pani dala jata hai |Battery ka Pani – आप बहुत सारी लेड एसिड बैटरी देखते होंगे जिनका इस्तेमाल इन्वर्टर या गाड़ियों में किया जाता है, जिनमें पानी का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन आपने देखा होगा इन बैटरियों का पानी समय-समय पर कम हो जाता है या खत्म हो जाता है जिसके अलग अलग कारण होते हैं.
लेकिन कभी कभी इनमें पानी डाला ही नही जाता। जिसके कारण बैटरी बहुत जल्दी खराब हो जाती है, या बिना सोचे समझे कोई भी पानी बैटरी में डाल दिया जाता है जिसके कारण बैटरी की चार्जिंग कैपेसिटी बहुत कम हो जाती है और बैटरी का बैकअप बहुत कम हो जाता है। इसीलिए बैटरी में पानी डालने से पहले ये पता होना चाहिए कि बैटरी में कौनसा पानी डाला जाए बैटरी में किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना आए और यह सही प्रकार से काम करती रहे।
Battery mein kaun sa pani dala jata hai
लेड एसिड बैटरी में डालने के लिए डिस्टिल्ड वाटर सबसे सही पानी होता है। डिस्टिल्ड वाटर बनाने के लिए पहले साधारण पानी को भांप में बदलकर और फिर उस भांप को वापस ठंडा कर के पानी में बदला जाता है। जिससे कि पानी शुद्ध हो जाता है उसमें किसी प्रकार की कोई भी अशुद्धि नहीं रहती। और डिस्टिल्ड वाटर के कारण बैटरी में होने वाले केमिकल रिएक्शन पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता और आपके बैटरी का चार्जिंग और डिस्चार्ज सिस्टम अच्छे से काम करता रहता है।
इसलिए बैटरी में डालने के लिए डिस्टिल्ड वाटर का ही इस्तेमाल करना चाहिए। डिस्टिल्ड वाटर का TDP बहुत कम होता है अगर आप इसकी तुलना पीने के पानी से करते हैं तो इसका TDP उसके मुकाबले बहुत ही कम होता है। डिस्टिल्ड वाटर आप अपने लोकल मार्केट या ऑनलाइन कही से भी खरीद सकते हैं। यह पानी थोड़ा सा महंगा होता है लेकिन आपकी बैटरी की लाइफ बढ़ाने के लिए बहुत ही अच्छा होता है।
क्या बैटरी में RO का पानी डाल सकते हैं?
अब आपके मन में यह सवाल जरूर आता है कि आप घर में लगे हुए RO का पानी बैटरी में डाल सकते हैं या नहीं। क्योंकि RO का पानी भी शुद्ध पानी माना जाता है, लेकिन RO के पानी की TDS वैल्यू डिस्टिल्ड वाटर से काफी ज्यादा होती है। लेकिन आप RO के पानी का TDS कम कर के RO पानी का इस्तेमाल बैटरी में कर सकते हैं उसमें कोई दिक्कत नहीं होगी
क्या पीने का पानी बैटरी में डाल सकते हैं
बहुत से लोग साधारण पीने का पानी भी बैटरी में डाल देते हैं जिससे उनकी बैटरी खराब हो जाती है, क्योंकि पीने के पानी में बहुत सारी अशुद्धियां होती है जिनको हम खनिज (Mineral) भी कहते हैं। जो दिखाई तो नहीं देती लेकिन बैटरी के अंदर जाकर बैटरी की प्लेट से चिपक जाती है जिसके कारण बैटरी चार्जिंग और डिस्चार्ज अच्छी तरह से नहीं हो पाती और बैटरी की लाइफ धीरे-धीरे कम हो जाती है या बैटरी पूरी तरह खराब हो जाती है इसीलिए पीने के पानी का कभी भी बैटरी में इस्तेमाल नही करना चाहिए।
क्या बारिश का पानी बैटरी में डाल सकते हैं?
लोगों में एक आम धारणा है कि बारिश का पानी साफ सुथरा होता है तो इसका इस्तेमाल भी बैटरी में कर सकते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है, जरूरी नही जो पानी आंखों को साफ दिखने वाला है वो पानी शुद्ध भी हो। डिस्टिल्ड वाटर PPM 5 होता है और बारिश का पानी का PPM 20 के आसपास का होता है। तो इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बारिश का पानी डिस्टिल्ड वाटर के मुकाबले कितना शुद्ध होता है लेकिन बारिश के पानी को फिल्टर करके इसका इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
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क्या बैटरी में तेजाब डाल सकते हैं
कुछ साल पहले तक जब आप बैटरी खरीदते थे तो वह खाली यानी बिना किसी तरल के डाले आती थी उसमें आपको खुद तेजाब और पानी डालना पड़ता था। लेकिन आज बैटरी में तेजाब पहले से ही आता है, उसमें आपको सिर्फ पानी डालन होता है लेकिन डिस्टिल्ड वाटर की जगह अगर आप बैटरी में तेजाब डाल देते हैं तो बैटरी की क्षमता कम हो जाती है जिससे बैटरी पूरी तरह से चार्ज नहीं हो पाती। और ना ही आपको अच्छा बैटरी बैकअप मिलता है। इसीलिए कभी भी बैटरी में तेजाब नही डालना चाहिए सिर्फ डिस्टिल्ड वाटर का इस्तेमाल करना चाहिए।
डिस्टिल्ड वाटर की कीमत
डिस्टिल्ड वाटर की कीमत बनाने वाली कंपनी पे निर्भर करती है, अगर आप लोकल मार्केट से डिस्टिल्ड वाटर खरीदेंगे तो यह आपको काफी सस्ता मिल सकता है, अगर आपके आसपास लोकल मार्केट में डिस्टिल्ड वाटर उपलब्ध नहीं है तो आप इसे ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं यहां डिस्टिल्ड वाटर आपको 2 से 3 गुणा तक महँगा मिल सकता है।
बैटरी का पानी कम क्यों होता है
बैटरी में पानी डालने से पहले आपको यह पता होना चाहिए कि आखिर बैटरी में पानी कम क्यों होता है, बैटरी में पानी कम होने के कई कारण हो सकते हैं बहुत बार आपके इनवर्टर का चार्जिंग सिस्टम खराब हो जाता है जिसके कारण चार्जिंग करंट ज्यादा या चार्जिंग वोल्टेज ज्यादा हो जाती है, या कभी कभी बैटरी फुल चार्ज होने के बाद भी चार्जर ऑटोकट ऑफ नही होता जिससे बैटरी चार्ज होती रहती है।
इसके कारण बैटरी बहुत गर्म होने लग जाती है और उसका पानी भांप बनकर उड़ जाता है। इस प्रकार की समस्या के लिए आप सबसे पहले इनवर्टर के चार्जिंग सिस्टम चेक करे कि वह सही प्रकार से काम कर रहा है या नहीं और बैटरी फुल चार्ज होने पर बैटरी की चार्जिंग बंद करता है या नहीं।
इसके अलावा अगर आपने बैटरी को इन्वर्टर के साथ साथ सोलर पैनल से भी जोड़ा है तो बैटरी और सोलर पैनल के बीच में एक सोलर चार्ज कंट्रोलर का इस्तेमाल करना पड़ेगा जो अच्छी क्विलिटी होना चाहिए। अगर आपने सोलर चार्ज कंट्रोलर ही अच्छी क्वालिटी का नहीं लिया है तो वह भी खराब हो जाता है और आपकी बैटरी को लगातार चार्ज होती रहती है जिसकी बैटरी और डिस्टिल्ड वाटर की समस्या उत्तपन्न हो जाती है। तो अपने सोलर चार्ज कंट्रोलर को भी चेक करना उतना ही जरूरी है।
साथ ही अगर आपने लोकल बैटरी खरीदी है तो हो सकता है उस पे जो क्षमता लिखी है वह उतनी नहीं होती हो, जैसे कि बैटरी पर 100 Ah लिखा हुआ है लेकिन वह बैटरी पूरी तरह 100 Ah कि न होके 80 Ah हो। लेकिन चार्जिंग सिस्टम उसे 100 Ah जितना ही करंट देगा तो फिर से बैटरी में ज्यादा करंट जाएगा और बैटरी फिरसे बहुत जल्दी गर्म हो जाएगी और उसका पानी कम हो जाएगा।
तो ये थी कुछ बातें जिनका आपको विशेष ध्यान रखना होता है। उम्मीद है, Battery mein kaun sa pani dala jata hai, battery ka pani, battery me kon sa pani dale, क्या बारिश का पानी बैटरी में डाल सकते हैं, बैटरी में पानी कितना डालें, battery water, battery pani, बैटरी में पानी कौन सा डालें, battery me dalne wala pani, से जुड़ी यह पोस्ट आपको पसंद आई होगी।
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BATTERY – DISTILD WATER