इलेक्ट्रिकल सिस्टम में जो न्यूट्रल वायर होता है, उसको छूने पर करंट क्यों नहीं लगता। और जब हम फेस वाले तार को छूते हैं, तो हमें जोर का झटका लगता है। साथ ही कभी-कभी ऐसा भी होता है कि जब हम न्यूट्रल वायर को छूते हैं तो भी हमें करंट का झटका लग जाता है। तो ऐसा क्यों होता है यह सब हम आज की इस पोस्ट में जाने वाले हैं। तो इन सब के बारे में जानने के लिए इस पोस्ट को ध्यान से पूरा पढ़िए।
किसी भी चीज में से इलेक्ट्रिक करंट फिर फॉलो करने के लिए दो चीजे जरूरी होती हैं:-
- वोल्टेज
- रजिस्टेंस
अगर वोल्टेज होगी तो ही करंट किसी चीज से फ्लो कर पाएगा, दूसरा होता है रजिस्टेंस अगर जिस भी चीज के अंदर से करंट को फ्लो कराना है तो उसका रजिस्टेंस लौ होना चाहिए। रजिस्टेंस हाई होगा तो करंट फ्लो करने में बहुत दिक्कत आएगी और अगर उसका रजिस्टेंस लो होगा तो बड़ी आसानी से करंट फ्लो कर जाएगा। जैसे कि जितने भी कंडक्टर होते हैं उनका रजिस्टेंस बहुत ही कम होता है, और जितने भी इंसुलेटर होते हैं उनका रजिस्टेंस इतना हाई होता है कि उनमें से करंट फ्लो कर ही नहीं पाता।
तो हमें न्यूट्रल वायर को छूने से करंट क्यों नहीं लगता यह जानने से पहले हमें एक कांसेप्ट समझने होगा। उदाहरण के लिए मान लेते हैं हमारे पास एक 100 वाट का बल्ब है तो जब उस बल्ब को जलाते हैं तो बल्ब कितने एंपियर करंट लेता है इसकी हम कैलकुलेशन करते हैं। तो जैसा कि आप जानते हैं करंट को कैलकुलेट करने का फार्मूला नीचे दिया है:-
I = P/V
यानी कि अगर करंट निकालना हो तो हमें पावर को वोल्टेज से भाग देना होता है। मतलब इस कैलकुलेशन के हिसाब से अगर हम देखें तो 100 वाट का बल्ब है, वह 230 वोल्ट पर कितना करंट कंज्यूम करेगा:-
I = 100÷230 = 0.43A
इस हिसाब से लगभग आधे एंपियर के आसपास करंट कंज्यूम करेगा। साथ ही अगर हमें इस बल्ब का रेसिस्टेंस निकालना हो तो इसके लिए हमें ohm’s लॉ की जरूरत पड़ेगी। तो ohm’s लॉ के हिसाब से नीचे दिए गए फॉर्मूले की मदद लेनी होगी:-
R = V/I
इसको हम कैलकुलेट करते हैं तो:-
R = 230÷0.43 = 534
तो लगभग 534 ohm का रजिस्टेंस हमें मिल जाता है, तो जो यह 100 वाट का बल्ब है उसका रजिस्टेंस हमें मिल गया है जो कि है 534 और जो इंसानी शरीर होता है, उसका रजिस्टेंस कितना होता है क्या यह भी आप जानते हैं? अगर हम इंसानी शरीर के रेजिस्टेंस की बात करें तो इंसानी शरीर का रेजिस्टेंस 1000 ohm से लेकर 10000 ohm के बीच का होता है यह नार्मल कंडीशन में होता है। मतलब अगर हमें पसीना आया है, या हम नहाए हैं, बारिश में भीगते गीले हो गए हैं तो हमारी बॉडी का रजिस्टेंस बहुत ही कम हो जाता है। और मान लो अगर हमारी बॉडी सुखी है, तो इस कंडीशन में हमारी बॉडी का रजिस्टेंस बहुत ज्यादा होगा यह तो अभी तक बेसिक चीजें थी।
अब देखते हैं जब हम फेस को छूते हैं तो हमें करंट क्यों लगता है।
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उदाहरण के लिए हमने यहां पर एक बल्ब दिखाया है इसको हमने फेस और न्यूट्रल वायर कनेक्ट करके सप्लाई दी है। यहां पर हम वोल्टेज 230 वोल्ट मान कर चलते हैं वहीं पर हमारा जो न्यूट्रल होता है उसमें 0 वोल्ट होते हैं। इसमें 0 वोल्ट इसीलिए होता है क्योंकि न्यूट्रल को हम ग्राउंड कर देते हैं। साथ ही आपको यह भी पता होना चाहिए कि जब न्यूट्रल को ग्राउंड करते हैं वह कहां पर करते हैं। न्यूट्रल को ग्राउंड सब स्टेशन में करते हैं और जो हमारा ट्रांसफार्मर होता है जहां से डिस्ट्रीब्यूशन शुरू होता है वहां पर न्यूट्रल को ग्राउंड किया जाता है। न्यूट्रल को ग्राउंड करने की वजह से न्यूट्रल का वोल्टेज जीरो होता है।
फेस को टच करने से क्या होता है?
जैसा कि अब हमने यहां पर दिखाया है हमने एक डायग्राम बनाया है इसमें दिखाया इंसान जो कि फेस को टच किए हुए है, साथ ही वह जमीन पर भी खड़ा हुआ है। तो जैसा कि अभी हमने बताया था इंसानी शरीर का रजिस्टेंस 1000 से लेकर 10000 ohm तक होता है। यहां पर हम मान कर चलते हैं इस इंसान का रजिस्टेंस 5000 ohm है।
अब हम कैलकुलेट करते हैं जिस इंसान ने फेज को टच किया है उस इंसान की बॉडी से कितना करंट फ्लो होगा। उसके लिए फिर से हमें वही ohms law की सहायता लेनी होगी। तो हमारी वोल्टेज है 230 वाल्ट और और रजिस्टेंस है 5000 ohm तो वोल्टेज और रेसिस्टेंस से करंट निकलने का फार्मूला:-
I = V/R
इसको हम कैलकुलेट करते हैं तो:-
I = 230 ÷ 5000 = 0.046
इसका मतलब यह हुआ जिस इंसान ने फेस को छुआ है और उसकी बॉडी का रेजिस्टेंस 5000 ohm है तो तो उसकी बॉडी से 0.046 A या 46 mA का करंट फ्लो करेगा। यह करंट कम या ज्यादा भी हो सकता है यह इंसान की बॉडी के रेजिस्टेंस और फेस वोल्टेज के ऊपर निर्भर करता है। और इंसानी शरीर में से अगर 7 मिली एंपियर से ज्यादा का करंट फ्लो होता है तो वह इंसान को महसूस होता है। और अगर 7 मिली एंपियर से कम करंट फ्लो होगा तो इंसान को पता भी नहीं लगेगा कि उसकी बॉडी से करंट फ्लो हो रहा है। इस केस में बॉडी के अंदर से 40 मिली एंपियर का करंट फ्लो कर रहा है तो यहां पर आसानी से पता लग जाएगा कि शरीर से करंट फ्लो हुआ है।
न्यूट्रल को छूने पर करंट क्यों नहीं लगता
जैसे कि अब आपको यहां पर एक बार फिर से दिखाई दे रहा है एक बॉडी जिसने न्यूट्रल वायर को टच किया है और वह साथ ही जमीन पर भी खड़ा है। साथ ही हम यहां पर भी मान लेते हैं इस बॉडी का रेजिस्टेंस 2000 एंपियर का है। न्यूट्रल का वोल्टेज जो है वह बिल्कुल जीरो है और रजिस्टेंस 2000 है तो:-
I = 0÷2000 = 0
तो हमारा आंसर आया 0 एंपियर, लेकिन यह जो कंडीशन है वह एक आइडियल कंडीशन है मतलब न्यूटन में जीरो वोल्टेज होना लगभग नामुमकिन है। क्योंकि ज्यादातर केस में इलेक्ट्रिकल सिस्टम का जो लोड है वह अनबैलेंस ही रहता है, और अनबैलेंस रहने के कारण न्यूट्रल में कुछ ना कुछ वोल्टेज जरूर मिलती है, इसको फ्लोटिंग न्यूट्रल भी बोला जाता है। तो अनबैलेंस होने के कारण न्यूट्रल में कभी-कभी 5, 10, 15, 20, 30 वोल्ट मिल जाते हैं। ये वोल्टेज अनबैलेंस लोड के ऊपर डिपेंड करता है कि हमारा अनबैलेंस कितना है उसी के हिसाब से फिर हमारे न्यूट्रल में वोल्टेज मिलती है।
अभी हम मान लेते हैं न्यूट्रल में 10 है तो फिर से एक बार हम कैलकुलेट करते हैं तो:-
I = 10÷2000 = 0.005 A
तो हमारा आंसर आता है 0.005 A जोकि 5 mA होता है, और जैसा कि हमने अभी बताया था 7 मिली एंपियर से कम का करंट तो इंसान को पता भी नहीं लगेगा तो ऐसे में इस केस में इंसान को पता भी नहीं लगेगा उसकी बॉडी से करंट फ्लो हुआ है।
न्यूट्रल से करंट क्यों लगता है
तो जैसा कि हमने बताया अनबैलेंस लोड के कारण कुछ ना कुछ वोल्टेज रहती में रहती है। तो अगर न्यूट्रल को ग्राउंड ना किया गया हो और अनबैलेंस लोड भी ज्यादा हो तो ऐसे में न्यूट्रल के अंदर 20 में 50 वोल्ट भी मिल सकते हैं। तो इस हिसाब से वोल्टेज ज्यादा होने के कारण में करंट लग सकता है मान लेते हैं न्यूट्रल में 30 वोल्ट और रेसिस्टेंस 2000 है तो:-
I = 30÷2000 = 0.015 A
तो ऐसे में लगभग 15 मिली एंपियर करंट फ्लो करेगा। तो अगर 7 मिली एंपियर से ज्यादा फॉलो करता है तो आदमी को करंट लग सकता है। तो यहां पर 15mA के कारण करंट का झटका लग सकता है।
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