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Why is transformer neutral connected to earth

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Why is transformer neutral connected to earth

आपने देखा होगा सबस्टेशन में ट्रांसफॉर्मर के न्यूट्रल (-ve) को अर्थ से जोड़ कर रखते हैं, नीचे इस तस्वीर में हमने सबस्टेशन ट्रांसफार्मर दिखाया है।
 
Why is transformer neutral connected to earth at substation
Transformer Windings
ऊपर दी गयी तस्वीर में हमने ट्रांसफार्मर की एक प्राइमरी यानी हाई वोल्टेज और दो सेकंडरी यानी लौ वोल्टेज साइड वाइंडिंगस दिखाई हैं।  इनमे से हमने एक को अर्थ के साथ जोड़ा हुआ है और एक को नही। यहां पे एक फेज की वोल्टेज  230 वोल्ट है। वो तब है जब हम  ट्रांसफार्मर का इस्तेमाल घरों में बिजली देने के लिए करते हैं। अगर हम ट्रांसफॉर्मर पे किसी ओर एप्पलीकेशन का इस्तेमाल कर रहे हो तो ये वोल्टेज ज्यादा भी हो सकती है।
 
इसमे पहले वाला न्यूट्रल (-ve) जो अर्थ से जुड़ा हुआ है उसका वोल्टेज 0 वोल्ट है, और फेज वोल्टेज 230 वोल्ट है। लेकिन साथ मे जो दूसरी वाइंडिंग दिखाई है उसमें न्यूट्रल (-ve) अर्थ से नही जुड़ा हुआ। जहापे न्यूट्रल (-ve) और अर्थ को आपस मे जोड़के नही रखते हैं उसे फ्लोटिंग सिस्टम कहते हैं। मतलब इसमे कोई भी पॉइंट अर्थ से नही जुआ हुआ। अब ऐसे में होगा क्या जो न्यूट्रल (-ve) से अर्थ का वोल्टेज है वो हमें नही पता ओर न ही फेज से अर्थ के वोल्टेज का पता, लेकिन फेज और न्यूट्रल (-ve) के बीच अभी भी 230 वोल्ट ही आएगा। अब होता क्या है ये जो फ्लोटिंग न्यूट्रल (-ve) है उसकी वजह से दिक्कतें आती हैं।
 
अब पहली दिक्कत ये है के मान लो अगर बिजली का गिरना या फिर स्विचिंग इम्पल्स आती है तो यह हमारा न्यूट्रल (-ve) तो अर्थ से कनेक्टेड है तो यहाँपे 0 वोल्ट ही रहेगा, लिकिन हो दूसरा जो बिना अर्थ से जुड़ा न्यूट्रल (-ve) है वहांपे न्यूट्रल (-ve) और फेज (+ve) दोनो का वोल्टेज ज्यादा हो जाएगा, और जो भी हमारे इक्विपमेंट इस लाइन से जुड़े होंगे वो फैल या खराब हो जायेगे। साथ ही हमारा ट्रांसफॉर्मर भी फैल या खराब हो सकता है।
 
Why is transformer neutral connected to earth at substation
Transformer Windings
दूसरी दिक्कत की बात करें तो वो है फेज (+ve) और अर्थ के बीच मे फाल्ट आना या इनका आपस मे शार्ट सर्किट हो जाना। जैसा कि ऊपर वाली तस्वीर में दिखाया गया है। ऐसे में जहापे हमने न्यूट्रल (-ve) और अर्थ को आपस मे जोड़ा हुआ है उसमें न्यूट्रल (-ve) और अर्थ के बीच मे तो 0 वोल्ट होता है साथ ही जिस फेज (+ve) या लाइन का वोल्टेज भी 0 वोल्ट हो जाता है लेकिन बाकी के फेज या लाइन का वोल्टेज 230 वोल्ट ही रहता है। इसके साथ ही हमारी प्रोटेक्शन भी चालू हो जाती है, और इसके कारण बाकी के फेज में ओवर (ज्यादा) वोल्टेज नही आती।
 
वही इस हालत में दूसरे केस की देखे तो, मान लीजिए इसका एक फेज अर्थ के साथ शार्ट हो जाता है तो उस फेज का वोल्टेज तो 0 हो जाएगा लेकिन बाकी फेज का वोल्टेज 230× √3 = 398 हो जाएगा। √3 की वैल्यू 1.73 होती है। क्योंकि शार्ट फेज की वोल्टेज तो 0 है और फेज तो फेज तो लाइन वोल्टेज ही आएगी । तो इसी लिए यहाँ वोल्टेज ज्यादा हो जाएगी।
 
अब मान लो न्यूट्रल (-ve) से फेज के बीच वोल्टेज 230 नही इस से ज्यादा था। यहाँ हम मान लेते हैं ये 10 kv था, तो न्यूट्रल (-ve) पे तो 0 वोल्ट है और फेज से फेज में लाइन वोल्टेज से फाल्ट के कारण ये 10 kv से बढ़ के 17.3 kv हो जाएगा। लेकिन पहला केस जहा न्यूट्रल (-ve) अर्थ से जुड़ा था वह कोई फर्क नही पड़ेगा। वही न्यूट्रल (-ve) को अर्थ से ना जोड़े तो बाकी के फेज का वोल्टेज √3 बार जितना हो जाता है, जिस से हमारा ट्रांसफार्मर खराब हो सकता है साथ ही जो लोड इस से जुड़ा होगा वो भी खराब हो जाएगा।
 
अब चलते हैं न्यूट्रल (-ve) को अर्थ से ना जोड़ने के कारण आने वाली तीसरी दिक्कत की तरफ जोकि आती है मेज़रमेंट (measurement) में। ये दिक्कत 230 वोल्ट में नही आती, ये हाई वोल्टेज इस्तेमाल होती है वहाँ आती है। क्योंकि जहा हाई वोल्टेज इस्तेमाल होती है वहाँ हमें उसको मेजर करने के साथ साथ इंडिकेशन और कंट्रोलिंग के लिए भी इसकी जरूरत पड़ती है अगर न्यूट्रल (-ve) अर्थ से जुड़ा है तो हमारे सारे मेज़रमेंट (measurement) सही से आएंगे। और वही दूसरे केस में जहाँ न्यूट्रल (-ve) अर्थ से जुड़ा नही होता वहां वोल्टेज मेज़रमेंट (measurement) सही तरीके से नही हो पाता है तो इसी कारण हमारी कंट्रोलिग और इंडिकेशन सही से काम नही कर पाता।
 

निष्कर्ष (Conclusions)

तो इस पोस्ट के आखिर में हम नीचे दिए गए निष्कर्षों पे पहुचे हैं।

  • बिजली गिरने या स्विचिंग इंपल्स के कारण ज्यादा वोल्टेज आ जाना।
  • किसी भी फाल्ट या शार्ट सर्किट होने के कारण ज्यादा वोल्टेज आ जाना।
  • वोल्टेज मेज़रमेंट (measurement) सही से ना होने के कारण इंडिकेशन और कंट्रोलिंग में दिक्कत आना।

उम्मीद है आपको इस पोस्ट से ट्रांसफार्मर के न्यूट्रल के अर्थ कनेक्शन के बारे में आपके सवालों के जवाब मिल गए होंगे। आपको ये पोस्ट कैसी लगी या आपके कोई भी सवाल हो तो आप हमें कमेंट कर सकते हैं। और हमारे नए नए पोस्ट को पाने के लिए सब्सक्राइब कर सकते है साथ ही आप हमारी इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर करके आपने दोस्तो की भी मदद कर सकते हैं।

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6 COMMENTS

  1. Sir aapki Post achhi lagi lekin muze kuch doubt hai First doubt yah hai ki generator ko star connection karke jo neutral point hai use ground karte hai to kya vo neutral wire jo three power transmit karne wali line hai unke saath neutral line carry hoti hai kya?, dusara Questions yah hai ki agar power transmission mai jo transformer use karenge uska secondary winding suppose star connection mai rakhenge generally hum delta mai secondary winding connect karte hai par agar star mai connect ki lekin jo neutral wire hai vo hum carry nahi karenge hum Sirf 3 phases jo conductor hai unhi ko age bhjenge star connection jo kiya vaha se jo common point jo hum neutral nikalte hai use sidha sirf ground karenge vo neutral wire ko aage phase wire ke saath nahi carry karenge to kya power transmission jo three lines hai vo power transmit kar payenge.
    I hope apko questions samaj aaya hoga agar aapko iska answer pata hoga to please muze ye email I'd pay send kijiye please

  2. dear……… ye generation me nhi hota jaha se distribution start hota hai mainly low tension me waha pe ground kiya jata h
    neutral wire k bina bhi power transmission ho jayega……

    agar hume aage neutral ki jarurat padegi to fir se transformer lga k neutral bna skte hain

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